वैक्सीन क्यों नहीं लेते क्योंकि कोरोना फिर फैल जाएगा
टीकाकरण बढ़ाने के लिए प्रशासन को विशेष अभियान चलाना होगा अन्यथा कोरोना वायरस को दोबारा संक्रमित होने का मौका मिल जाएगा।
मेरठ, जेएनएन। टीकाकरण बढ़ाने के लिए प्रशासन को विशेष अभियान चलाना होगा, अन्यथा कोरोना वायरस को दोबारा संक्रमित होने का मौका मिल जाएगा। प्रदेश सरकार रोजाना दस हजार से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाना चाह रही है, लेकिन मेरठ में महज 34.1 फीसद यानी 3849 लोगों ने टीका लगवाया। सीएमओ ने देर रात तक विभागीय अधिकारियों के साथ आपात बैठक की।
सोमवार को 43, जबकि मंगलवार को महज 34 फीसद लोगों ने टीका लगवाया, जिससे मुहिम की सफलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों, एएनएम एवं अन्य के सहयोग से टीकाकरण की गति बढ़ाई जाएगी। मंगलवार को 116 केंद्रों पर कुल 102 बूथ लगाए गए। 11300 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य था, जिसके सापेक्ष 3849 ने टीका लिया। 45-59 साल उम्र वर्ग के 651 लोगों ने वैक्सीन ली। सरकारी केंद्रों में 76 बूथों पर 8700 के सापेक्ष 3311 और प्राइवेट में 26 बूथों पर 2600 के बजाय 538 लोगों का टीकाकरण किया गया। कई केंद्रों पर टीका लगवाने वालों की संख्या 200 के सापेक्ष दस से भी कम रही। डफरिन महिला जिला अस्पताल में दिनभर में महज नौ लोगों को वैक्सीन लगाई गई। उधर, 2381 लोगों को बूस्टर डोज लगाया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने कई ऐसे केंद्रों को चिन्हित किया है, जहां टीका लगवाने वालों की संख्या बेहद कम है। मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान ने बताया कि लक्ष्य से कम टीकाकरण होने पर नई चुनौतियां सामने आएंगी। हार्ड इम्युनिटी बनने में टीका भी सहायक होगा। 40 निजी केंद्रों पर सप्ताह में चार दिन टीकाकरण
जागरण संवाददाता, मेरठ: कोरोना टीकाकरण के लिए केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है। निजी अस्पतालों में अब 40 केंद्रों पर सप्ताह में चार दिन टीका लगाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग को इस सप्ताह 60 हजार लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य हासिल करना है। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि शहर के कई बड़े निजी अस्पतालों में टीका उपलब्ध होगा। वहीं, 14 सरकारी चिकित्सा केंद्रों विशेषकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सोमवार से शनिवार तक टीकाकरण चलेगा। साथ ही अर्बन हेल्थ पोस्ट समेत 22 स्वास्थ्य केंद्रों पर सप्ताह में तीन दिन टीकाकरण होगा। ऐसे में रोजाना सौ से ज्यादा बूथों पर कार्यक्रम चलेगा। निजी अस्पतालों में प्रति डोज 250 रुपये देने होंगे, जबकि सरकारी केंद्रों में मुफ्त लगेगा।