चुनाव आया तो आई अपनी मिट्टी की याद
पंचायत चुनाव में इस बार काफी कुछ बदला हुआ है।
मेरठ, जेएनएन। पंचायत चुनाव में इस बार काफी कुछ बदला हुआ है। चुनाव मैदान में विभिन्न पदों के लिए उतरे प्रत्याशियों की स्थिति पर नजर डाले तो पाते हैं कि इस बार 50 से अधिक ऐसे व्यक्ति चुनाव मैदान में भाग्य आजमा रहे हैं जो बरसों पहले काम-धंधे की तलाश में गांव छोड़ चुके हैं। विदेशों के साथ विभिन्न राज्यों में काम-धंधा जमा कर बैठे तमाम लोग इस बार वापस गांव आकर चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं।
गांव कुशैड़ी निवासी गौरव डेढ़ दशक पहले जर्मनी गए थे और वहां बिजनेस जमाकर वहीं रहने लगे। अब ग्राम पंचायत चुनाव की आहट हुई तो तीन माह पहले वापस अपने गांव लौट आए और जिला पंचायत सदस्य के रूप में वार्ड 18 से चुनाव मैदान में उतरे। ऐसे ही कैली निवासी एक व्यक्ति भी पिछले एक दशक से दिल्ली में कारोबार कर रहे हैं। चुनाव से दो माह पहले उक्त व्यक्ति भी कारोबार स्वजन के हवाले कर गांव आ गए और वर्तमान में वार्ड 22 से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहे हैं। प्रधान पद को लेकर माछरा ब्लाक के गांव बड़ागांव, ललियाना आदि का हाल भी कुछ ऐसा ही है, यहां भी कई प्रत्याशी बाहर के राज्यों में अपना जमा जमाया काम छोड़कर फिलहाल ग्राम प्रधान पद के लिए चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं। जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए बाहर से आकर चुनाव लड़ने वालों की बात करें तो 50 से अधिक प्रत्याशियों के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने अपना नामांकन फार्म भरा है और अब चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं।
खूब कमाया पैसा, अब नाम चाहिए
प्रत्याशियों का कहना है कि कारोबार कर उन्होंने पैसा तो खूब कमाया अब गांव और क्षेत्र का विकास कर नाम कमाने की इच्छा है।