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CAA हिंसा में इस्‍तेमाल किए गए थे शफीक के हथियार, STF ने दबोचा तो कई राज का हुआ पर्दाफाश Meerut News

शफीक के घर में चल रही हथियारों की फैक्ट्री की सप्लाई से एसटीएफ भी सकते में है। इसी फैक्ट्री से वेस्ट यूपी के कुख्यातों से लेकर पूर्वाचल के बदमाशों तक को हथियार मुहैया कराए जा रहे थे। सीएए की हिंसा में भी इस फैक्ट्री के हथियार इस्तेमाल हुए थे।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 02:16 PM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 02:16 PM (IST)
CAA हिंसा में इस्‍तेमाल किए गए थे शफीक के हथियार, STF ने दबोचा तो कई राज का हुआ पर्दाफाश Meerut News
शफीक के हथियार सीएए हिंसा में प्रयोग किए गए थे।

सुशील कुमार, मेरठ। शफीक और अब्बू के घर में चल रही हथियारों की फैक्ट्री की सप्लाई से एसटीएफ भी सकते में है। इसी फैक्ट्री से वेस्ट यूपी के कुख्यातों से लेकर पूर्वाचल के बदमाशों तक को हथियार मुहैया कराए जा रहे थे। सीएए की हिंसा में भी इस फैक्ट्री के हथियार इस्तेमाल हुए थे। एसटीएफ की टीम और मेरठ पुलिस की टीम ने शनिवार को भी छापेमारी में चार फैक्‍ट्री का खुलासा किया। जहां से 133 अवैध हथियारों के साथ आठ को दबोचा गया। पुलिस ने बताया कि ये उत्‍तर प्रदेश से सटे राज्यों में सप्‍लाई करते थे। एसटीएफ अभी और फैक्‍ट्रीयों की तलाश कर रही है।

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एसटीएफ की पूछताछ में शफीक अहमद और अब्बू उर्फ तबरेज ने बताया कि पिस्टल 22 से 25 हजार और तमंचा तीन से चार हजार में बेच रहे थे। अब्बू ने तो सीओ ब्रह्मपुरी कार्यालय से करीब 100 मीटर की दूरी पर शापरिक्स माल के पीछे किराए का मकान में फैक्ट्री चला रखी थी, जबकि शफीक अलग अलग फैक्ट्री में हथियारों के पार्ट्स बनकर मलियाना की फैक्ट्री में हथियार तैयार कर रहा था। एसटीएफ की जांच में सामने आया कि शफीक ने कुख्यात योगेश भदौड़ा, उधमसिंह, भूपेंद्र बाफर, शारिक और सलमान गैंग के शूटरों को हथियार सप्लाई किए थे। पूर्वाचल की जेलों में बंद कई कुख्यातों के गुर्गे भी इनसे ही हथियार खरीदार रहे थे। शफीक की फैक्ट्री में सबसे ज्यादा पिस्टल तैयार होती और तमंचे आर्डर पर बनते थे।

पिस्टल से फैक्ट्री तक पहुंची एसटीएफ : बदमाशों से बरामद हुई पिस्टल के बारे में पूछताछ कर एसटीएफ शफीक और अब्बू की फैक्ट्री तक पहुंच गई। पहले मलियाना में मस्जिद के पास शफीक के घर पर छापा मारा। उसके बाद ब्रह्मपुरी में अब्बू उर्फ तबरेज के किराए के मकान में छापामार कर दूसरी फैक्ट्री पकड़ी। तीसरी फैक्ट्री लिसाड़ीगेट में छापा मारकर पकड़ी गई।

तमंचे के मिले आर्डर : इस समय शफीक और अब्बू बड़े पैमाने पर तमंचे बना रहे थे, क्योंकि पंचायत चुनाव के लिए तमंचे के आर्डर मिल रहे थे। अब एसटीएफ जांच कर रही है कि किस किस जनपदों से तमंचों का आर्डर मिला है।

वाइपर बनाने की आड़ में बन रहे थे हथियार : मलियाना में शफीक ने आसपास के लोगों को बताया था कि वाइपर बनाकर सप्लाई करता है। इसलिए लोगों को भी इसकी भनक नहीं लगी।

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