कोरोना और ब्लैक फंगस में घिरे वैक्सीन मैन बैंजवाल, बुलंदशहर की बिबकोल कंपनी के हैं सीनियर वाइस प्रेसिडेंट
फेफड़ों में दिक्कत के बाद कोवैक्सीन बनाने के प्रोजेक्ट हेड चंद्र वल्लभ बैंजवाल को पहले नोएडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उपचार के बाद उनकी हालत सुधरी तो वह ब्लैक फंगस की चपेट में आ गए। अब उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
लोकेश पंडित, बुलंदशहर। वैक्सीन मैन के नाम से पहचाने जाने वाले और कोवैक्सीन बनाने के प्रोजेक्ट हेड चंद्र वल्लभ बैंजवाल इन दिनों कोरोना वायरस के साथ ही ब्लैक फंगस से भी जूझ रहे हैं। वह बुलंदशहर की बिबकोल (भारत इम्यूनोलाजिकल्स एंड बायोलाजिकल्स कारपोरेशन लिमिटेड) के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट भी हैं। पहले कोविड संक्रमण, फिर ब्लैक फंगस की चपेट में आए बैंजवाल का परिवार व बिबकोल के अधिकारी उनकी सेहत को लेकर फिक्रमंद हैं। लंबे समय से कोविड के चक्रव्यूह में फंसे बैंजवाल के बीमार होने से बिबकोल में कोवैक्सीन निर्माण प्रोजेक्ट भी फंसा हुआ है। हालांकि कंपनी की दूसरी पंक्ति कोवैक्सीन उत्पादन की तैयारी में लगी है।
कोवैक्सीन उत्पादन की मिली अनुमति
बिबकोल को कोवैक्सीन बनाने की अनुमति दी गयी है, इसका एमओयू भी साइन हो चुका है। सरकार ने बिबकोल को 30 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी जारी कर दी है। बिबकोल में कोवैक्सीन उत्पादन की अनुमति में चंद्र वल्लभ बैंजवाल की बड़ी भूमिका रही है। पीएमओ, सेंट्रल साइंस एंड टैक्नोलाजी मिनिस्ट्री व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में उन्होंने बिबकोल का पक्ष रखा। पोलियो टीके में बिबकोल के बेहतरीन प्रदर्शन को सामने रखते हुए उन्होंने विश्वास दिलाया कि यह सरकारी उपक्रम देश को बेहतर व सस्ती कोवैक्सीन दे सकता है।
दिया था प्रजेंटेशन
कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के बीच उन्होंने लगातार इसकी पैरोकारी की व प्रजेंटेशन दिया। उनके मजबूत पक्ष और इरादों के बाद ही सरकार ने बिबकोल को यह प्रोजेक्ट देने की अनुमति दी। बिबकोल के अलावा हैदराबाद की निजी कंपनी भारत बायोटेक ही कोवैक्सीन का उत्पादन कर रही है। नजदीकियों के अनुसार इसी भागदौड़ के दौरान बैंजवाल कोविड संक्रमण की चपेट में आ गए।
नोएडा के बाद दिल्ली के अस्पताल में भर्ती
फेफड़ों में दिक्कत के बाद उन्हें पहले नोएडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उपचार के बाद उनकी हालत सुधरी तो वह ब्लैक फंगस की चपेट में आ गए। हालत बिगडऩे पर उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चंद्र वल्लभ बैंजवाल उत्तरांखड में जनपद रुद्रप्रयाग के गांव बैंजी के रहने वाले हैं। फिलहाल, चंद्र वल्लभ बैंजवाल की हालत गंभीर बनी हुई है और तीन दिनों से वह वेंटिलेटर पर हैं।
मदद को आगे आए लोग
इस बीच चंद्र वल्लभ बैंजवाल को लेकर फेसबुक पर एक पारिवारिक पोस्ट वायरल होने के बाद मिलाप नामक एक संस्था और अन्य कई लोग आर्थिक मदद के लिए भी आगे आए हैं। दीपक डोभाल ने बताया कि सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय ने उनके मौसा चंद्र वल्लभ बैंजवाल के उपचार में बहुत मदद की है। अब इस फेसबुक पोस्ट के बाद आर्थिक मदद के लिए अन्य लोग भी आगे आए हैं।