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UP Election 2022: ये है हरौड़ा... जहां आधी आबादी की राह में नहीं कोई रोड़ा

UP Vidhan Sabha Chunav 2022 सियासत में लड़की हूं लड़ सकती हूं...नारे पर अब जाकर चर्चा शुरू हुई है हरौड़ा इससे कोसों आगे खड़ा दिखता है। हरौड़ा ने दशकों पहले इस नारे को आत्मसात कर महिला नेतृत्व पर भरोसा जताया।

By Parveen VashishtaEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 10:56 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 07:40 AM (IST)
UP Election 2022: ये है हरौड़ा... जहां आधी आबादी की राह में नहीं कोई रोड़ा
हरौड़ा विधानसभा सीट से दस बार महिला विधायक चुनी गई हैं

सहारनपुर, अश्वनी त्रिपाठी। पश्चिम उप्र के सहारनपुर जनपद की हरौड़ा विधानसभा सीट। यह विधानसभा दस्तावेजों में अब सहारनपुर देहात के नाम से दर्ज है। सियासत में महिलाएं पहले पायदान के लिए संघर्षरत हैं, ऐसे में हरौड़ा को महिला सशक्तिकरण की नायाब मिसाल कहा जा सकता है।

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दस बार महिला विधायक चुनने वाली शायद एकमात्र सीट

हरौड़ा की धरती ने न सिर्फ बसपा सुप्रीमो मायावती के सितारे चमकाकर उन्हें दो बार उप्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया, बल्कि आजादी के बाद से महिलाओं को नेतृत्व देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सूबे में शायद ही ऐसी कोई विधानसभा सीट होगी, जहां आजादी के बाद दस बार महिला विधायकों को चुनकर विधानसभा भेजा गया। सियासत में लड़की हूं, लड़ सकती हूं...स्लोगन पर अब जाकर चर्चा शुरू हुई है, हरौड़ा इससे कोसों आगे खड़ा दिखता है। हरौड़ा ने दशकों पहले इस नारे को आत्मसात कर महिला नेतृत्व पर भरोसा जताया तथा पचास साल से अधिक वर्षों तक हरौड़ा क्षेत्र की कमान महिलाओं को सौंपी।

दो बार मायावती को बनाया विधायक, बनीं यूपी की सीएम

हरौड़ा क्षेत्र से 1967 में पहली बार शकुंतला देवी महिला विधायक चुनी गईं। 1969, 1974 में पुन: शकुंतला देवी को विधायक चुना गया। 1977 में बिमला राकेश विधायक बनीं। 1980, 1985, 1989, 1991 में पुन: बिमला राकेश को विधायक चुनकर भेजा गया। 1993 में मोहर सिंह, 1996 में मायावती, 2002 में मायावती हरौड़ा से विधायक चुनकर लखनऊ पहुंचीं तथा यूपी की सीएम बनीं। 2007 तथा 2012 में जगपाल यहां से विधायक चुने गए। हरौड़ा सीट से पिछले चुनाव में मसूद अख्तर कांग्रेस के विधायक चुने गए। यह वर्तमान में कांग्रेस छोड़कर सपा में जा चुके हैं।

कांग्रेस के टूटे सपने, बदली हरौड़ा की सियासत

इस सीट पर पिछले चुनाव में कांग्रेस के मसूद अख्तर विधायक चुने गए। मौजूदा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस सीट को लेकर बेहद आत्मविश्वास में थी, लेकिन चुनाव से ठीक पहले यहां से विधायक मसूद अख्तर ने इमरान मसूद के साथ सपा ज्वाइन कर ली, अब कांग्रेस की जमीन यहां खिसक चुकी है। मसूद अख्तर सपा से चुनाव मैदान में आने वाले हैं। उधर दलित बाहुल्य वाली इस सीट पर बसपा के पूर्व विधायक जगपाल सिंह भाजपा के पाले में आ गए हैं, उन्हें यहां से प्रत्याशी बनाया गया है।

2012 से पहले अनुसूचित जाति को आरक्षण

सहारनपुर देहात विधानसभा सीट परिसीमन के बाद पहली बार 2012 में अस्तित्व में आई। इससे पहले यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। इससे पूर्व यह हरौड़ा के नाम से चर्चा में थी। जातिगत समीकरणों की बात करें तो इस सीट पर सर्वाधिक करीब 1.30 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। दूसरे नंबर पर करीब 1.10 लाख अनुसूचित मतदाता, करीब 20 हजार सैनी, 16 हजार कश्यप व राजपूत मतदाता हैं। विधानसभा क्षेत्र में विकास की बात करें तो हाल ही में सहारनपुर देहात अंतर्गत पुंवारका में मां शाकम्भरी विश्वविद्यालय की सौगात मिली है। इस सीट पर गैर कांग्रेस दलों का ज्यादा कब्जा रहा है।

सहारनपुर देहात सीट

कुल मतदाता 358378

पुरुष मतदाता 189877

महिला मतदाता 168490

पहली बार बने मतदाता 5554

जब बनीं महिला विधायक

1967---शकुंतला देवी

1969----शकुंतला देवी

1974----शकुंतला देवी

1977--- बिमला राकेश

1980--बिमला राकेश

1985---बिमला राकेश

1989---बिमला राकेश

1991--बिमला राकेश

1996---मायावती

2002---मायावती

जब पुरुष बने विधायक

1957 - जयगोपाल

1962- जयगोपाल

1993- मोहर सिंह

2007- जगपाल

2012- जगपाल सिंह

2017- मसूद अख्तर


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