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यूपी चुनाव 2022: मेरठ दक्षिण सीट से आदिल चौधरी और सिवालखास से गुलाम मोहम्मद को टिकट

UP Assembly Elections 2022 मेरठ दक्षिण सीट पर सोमवार को पार्टी के महानगर अध्यक्ष आदिल चौधरी को चुनाव लड़ने के लिए सिंबल दे दिया गया। सिवालखास सीट से पूर्व विधायक गुलाम मोहम्मद को भी टिकट दिया गया है। उन्हें भी सिंबल मिल गया।

By Taruna TayalEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 10:51 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 10:51 PM (IST)
यूपी चुनाव 2022: मेरठ दक्षिण सीट से आदिल चौधरी और सिवालखास से गुलाम मोहम्मद को टिकट
आदिल चौधरी और सिवालखास से गुलाम मोहम्मद को टिकट।

मेरठ, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव के लिए मेरठ दक्षिण सीट पर सपा प्रत्याशी को लेकर चल रहा संशय खत्म हो गया है। सोमवार को पार्टी के महानगर अध्यक्ष आदिल चौधरी को चुनाव लड़ने के लिए सिंबल दे दिया गया। सिवालखास सीट से पूर्व विधायक गुलाम मोहम्मद को भी टिकट दिया गया है। उन्हें भी सिंबल मिल गया। अब सिर्फ कैंट सीट पर प्रत्याशी का इंतजार है।

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आदिल चौधरी 2012 में सपा के टिकट पर इसी सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे। 2017 में सपा-कांग्रेस गठबंधन होने पर यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई थी। वह 2016 में महानगर अध्यक्ष थे, फिर कुछ समय तक हटा दिए गए। 2018 में फिर महानगर अध्यक्ष बनाए गए। लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी की करारी हार होने पर पार्टी की सभी कार्यकारिणी भंग कर दी गईं।

करीब डेढ़ साल बाद फिर से गठन हुआ तो आदिल चौधरी को ही महानगर अध्यक्ष बनाया गया। आदिल चौधरी का कहना है कि उन्हें सिंबल मिल गया है। सभी को साथ लेकर चुनाव लड़ेंगे और जीत हासिल करेंगे।

उधर, गुलाम मोहम्मद पार्टी की स्थापना के समय से सपाई हैं। कुछ समय तक बसपा में भी रहे मगर फिर सपा में आ गए। वह सपा के महानगर अध्यक्ष भी रहे हैं। कैंट से सपा से चुनाव लड़ चुके। 2012 में सिवालखास से विधायक बने थे। विधायक रहते हुए 2014 में उन्हें सपा ने लोकसभा चुनाव में बागपत से प्रत्याशी बनाया लेकिन हार गए। 2017 में भी सिवालखास से विधानसभा चुनाव हार गए थे।

सिंबल मिला, मगर असमंजस बरकरार

मेरठ दक्षिण और सिवालखास के लिए सपा ने अपने दो नेताओं को सिंबल दे दिया है, लेकिन इस बारे में न तो आधिकारिक घोषणा हुई है और न ही सिंबल सार्वजनिक करने को कहा गया है। इससे इन दोनों सीटों पर असमंजस की स्थिति है। दक्षिण सीट अभी भी चंद्रशेखर की पार्टी आजाद समाज पार्टी के खाते में जाने की संभावना है। वहीं, सिवालखास से रालोद अपना प्रत्याशी दे सकता है।

रालोद को सिवालखास न मिलना देगा गलत संदेश

पश्चिम उप्र की राजधानी कहे जाने वाले मेरठ में रालोद के खाते में सिवालखास सीट न आना पार्टी के लिए गलत संदेश होगा। ऐसा रालोद के बड़े नेता भी मान रहे हैं। उनका तर्क है कि सपा ने पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कम से कम सिवालखास पर तो रालोद का हक बनता है। सिवालखास मेरठ में रालोद के प्रभाव की इकलौती सीट मानी जाती है। यहां पर रालोद के 10 दावेदार पैरवी में लगे हैं। उनके लिए यह बड़ा झटका होगा।

पंकज जौली का नाम लगभग फाइनल

रालोद-सपा गठबंधन से कैंट विधानसभा से पंकज जौली का नाम लगभग फाइनल हो गया है। वह रालोद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे। इसके पहले 2017 में उन्होंने शहर विधानसभा से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उन्होंने कुछ दिन पूर्व दिल्ली में जयंत चौधरी से मुलाकात की थी।


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