Move to Jagran APP

UP Chunav 2022 : सपा रालोद गठबंधन में टिकटों को लेकर पढ़िए क्‍यों ठगा सा महसूस कर रहे कार्यकर्ता

UP Vidhan Sabha Chunav 2022 समाजवादी पार्टी और राष्‍ट्रीय लोकदल के बीच गठबंधन के बाद अब टिकटों पर बंटवारे में हाशिए पर है रालोद। जिपं चुनाव में जीते थे सपा के सात तो रालोद के छह प्रत्याशी। रालोद के प्रभाव वाले क्षेत्रों में एक भी सीट न मिलने से आक्रोश।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 09:20 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 11:59 AM (IST)
UP Chunav 2022 : सपा रालोद गठबंधन में टिकटों को लेकर पढ़िए क्‍यों ठगा सा महसूस कर रहे कार्यकर्ता
UP Vidhan Sabha Chunav 2022 सपा और रालोद में टिकटों पर रार थमता नजर नहीं आ रहा है।

ओम बाजपेयी, मेरठ। मेरठ में गठबंधन में सीटों के बंटवारे में किनारे किए जाने से रालोद कार्यकर्ता ठगा महसूस कर रहे हैं। सपा पर एकतरफा निर्णय लेकर सात में पांच सीटों पर मनमाने ढंग से प्रत्याशी उतारने का आरोप लग रहा है। किसानों से जुड़े मुद्दों को उठाने का दावा करने वाले रालोद का जनाधार ग्रामीण और कस्बाई अंचल में ज्यादा माना जाता है। रालोद कार्यकर्ताओं की पीड़ा है कि खांटी शहरी समझी जाने वाली कैंट विधानसभा सीट रालोद को थमाकर सपा ने अजीब राजनीतिक खेल खेला है।

prime article banner

मनीषा अहलावत जैन प्रत्‍याशी

रालोद को मेरठ में कैंट सीट मिली है जिसमें एक दिन पूर्व पार्टी में शामिल हुईं मनीषा अहलावत जैन को उम्मीदवार बनाया गया है। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि इससे कहीं अच्छा गठबंधन वर्ष 2002 में भाजपा के साथ हुआ था जब पार्टी को 34 सीटें मिली थीं और 14 विधायक जीतकर पहुंचे थे। बागपत की तीन सीटों समेत मेरठ की सिवालखास सीट रालोद के खाते में गई थी और चारों में जीत हासिल हुई थी। बुधवार को छपरौली से वीरपाल का टिकट काटकर जिन अजय कुमार को टिकट दिया गया है, वह भी उस समय जीते थे और सिवालखास से रणवीर राणा विजयी हुए थे।

आंकड़ों में भी रालोद का दावा मजबूत

सिवालखास में सपा अपना दावा इसलिए मजबूत बता रही है कि वर्ष 2017 में गुलाम मोहम्मद दूसरे स्थान पर रहे थे और 2012 में उन्होंने जीत हासिल की थी। रालोद के यशवीर चौधरी को साढ़े तीन हजार वोटों के मामूली अंतर से हराया था। उस हार के पीछे पार्टी के भितारघातियों का हाथ बताया जाता है। हाल में हुए जिला पंचायत चुनावों पर नजर डालें और दोनों दलों के प्रदर्शन की तुलना करें तो सपा को सात और रालोद को छह सीटें मिलीं।

पार्टी में पनप रहा आक्रोश

किसान आंदोलन ने पार्टी को मेरठ में संजीवनी दी मगर प्रभाव वाली सीटों में से एक पर दावेदारी न मिलने से पार्टी में आक्रोश पनप रहा है। सिवालखास के अलावा रालोद ने हस्तिनापुर, सरधना, मेरठ दक्षिण से टिकट मांगा था। इन सीटों पर सपा का कोई प्रत्याशी 2017 में जीता भी नहीं था, इसके बावजूद रालोद को कोई टिकट नहीं मिला। इससे वषों से जुड़े रालोद कार्यकर्ता मायूस हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.