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UP Budget 2021: बजट में सहारनपुर और मुजफ्फनगर को तोहफा, शाकम्‍भरी व शुकतीर्थ स्‍थल का होगा विकास

UP Budget 2021 उत्‍तर प्रदेश के बजट 2021 में धार्मिक स्‍थलों के विकास व पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कही गई। अयोध्‍या के विकास के साथ ही सहारनपुर के शाकम्‍भरी देवी स्‍थल और मुजफ्फरनगर के शूकतीर्थ के विकास का जिक्र किया।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 01:49 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 01:49 PM (IST)
UP Budget 2021: बजट में सहारनपुर और मुजफ्फनगर को तोहफा, शाकम्‍भरी व शुकतीर्थ स्‍थल का होगा विकास
शाकंभरी और शुक्र तीर्थ के विकास का जिक्र।

मेरठ, जेएनएन। उत्‍तर प्रदेश सरकार के बजट 2021-22 में सरकार ने प्रदेश की तमाम योजनाओं को बढ़ावा देने व सफल बनाने के लिए बजट पेश किया। इसमें धार्मिक स्‍थलों के विकास व पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कही गई। अयोध्‍या के विकास के साथ ही सहारनपुर के शाकम्‍भरी देवी स्‍थल और मुजफ्फरनगर के शूकतीर्थ के विकास का जिक्र किया। हालाकि अभी इनके विकास के लिए धनराशि आवटन के बारे में जानकारी नहीं दी है। बजट के दौरान वित्‍त मंत्री सुरेश कुमार खन्‍ना ने पांच लाख 50 हजार और 270 करोड़ का भारी भरकम बजट पेश किया।

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माता शाकम्‍भरी के बारे में कुछ खास बातें

शाकम्भरी देवी के वैसे तो अनेक धाम है। लेकिन सहारनपुर की जंगली पहाडियों मे विराजमान सिद्ध भवन की छटा ही कुछ निराली है। यह स्थान समुद्रतल से लगभग 448 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है पहाड़ी की तलहटी मे माता का मंदिर है। पंद्रह-सौलह सीढियां चढने के बाद माता के के दर्शन होते हैं। देश में ये एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां दुर्गा के चार रूपों के दर्शन एक साथ होते हैं।

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मंदिर और देवी दर्शन

शाकम्भरी देवी के भवन से लगभग एक किमी पहले बाबा भूरादेव का मंदिर है। भूरादेव के प्रथम दर्शन कर यात्री आगे प्रस्थान करते हैं। आगे का मार्ग पथरीला है, जो एक खोल से होकर जाता है। थोड़ा आगे चलने पर शाकम्भरी देवी का प्रवेश द्वार आता है। कुछ और आगे चलने पर माता का भवन दिखाई देता है। माता के मंदिर मे प्रवेश करने से पहले श्रध्दालु पंक्ति मे लग जाते हैं और सीढियां चढ़कर माता के भवन मे पहुंच जाते हैं। माता के गर्भगृह मे माता शाकम्भरी देवी दाहिने भीमा, भ्रामरी और बाल गणेश तथा बायें और शताक्षी देवी की प्रतिमा विराजमान है। ये प्रतिमाएँ काफी प्राचीन है। लेकिन माता शाकम्भरी देवी की प्रतिमा अधिक प्राचीन है बाकी प्रतिमाओं को आदिगुरु शंकराचार्य जी ने स्थापित किया था। मंदिर की परिक्रमा मे कई देवी-देवताओ के लघु मंदिर बने हुए हैं।

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शुकतीर्थ के बारे में खास बातें

मुजफ्फरनगर के जानसाठ स्थित पौराणिक तीर्थनगरी शुकतीर्थ नगरी में हनुमानजी, गणेशजी, शिवजी, दुर्गाजी व मां पीतांबरा बगलामुखी की विशाल प्रतिमा स्थापित है। वहीं गंगा तट पर स्थापित हनुमद्धाम नक्षत्र वाटिका भी पर्यटकों को खूब लुभाती है। दूरदराज क्षेत्रों से अनेक श्रद्धालु अपने बच्चों के साथ वाटिका में घंटों बिताते हैं। पौराणिक तीर्थनगरी शुकतीर्थ स्थित श्रीशुकदेव मंदिर में वर्षभर श्रीमद्भागवत कथाओं का आयोजन चलता रहता है। देशभर से हजारों श्रद्धालु कथा श्रवण करने आते हैं। वहीं, हनुमद्धाम स्थित 77 फुट उंची सात सौ करोड़ रामनाममयी हनुमानजी की विशाल प्रतिमा भी देखते ही बनती है। नगरी में गणेशजी, शिवजी, दुर्गाजी व मां पीतांबरा बंगलामुखीजी की भव्य प्रतिमा स्थापित है।

बच्‍चों के मनोरंजन का भी केंद्र है शुकतीर्थ

गंगा तट के किनारे हनुमद्धाम नक्षत्र वाटिका का निर्माण कराया, जिसमें राशि के नक्षत्रों के अनुसार पेड़-पौधों की स्थापना की गई है। इसके अलावा बच्चों के मनोरंजन के लिए पशु-पक्षी, मोर, जिराफ, डायनासोर, सर्प, हाथी, मगरमच्छ, कछुए आदि की आकृति भी बनाई गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 जुलाई, 2019 को वीतराग संत स्वामी कल्याणदेव महाराज की पुण्यतिथि पर नगरी में करीब दस करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया था। इसके अलावा 43 फुट उंचा व 78 फुट चौड़ाई का भव्य मुख्यद्वार राजस्थानी कारीगर लाल पत्थरों से बना रहे हैं। वहीं, गंगा तट पर भव्य पार्क का भी निर्माण किया जा रहा है।

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