यूपी बोर्ड ने फर्जी संस्थाओं से किया आगाह, मान्यता प्राप्त संस्थाओं की सूची की जारी
प्रदेश के विभिन्न जिलों में फर्जी बोर्ड का शिकार होकर गुमराह ही रहे युवा नौकरियों में परेशानी होती है।
मेरठ, जेएनएन। माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश यानी यूपी बोर्ड ने अभ्यर्थियों को फर्जी सर्टिफिकेट प्रदान करने वाली संस्थाओं से आगाह किया है। परिषद मुख्यालय ने यूपी बोर्ड के समकक्ष देशभर में मान्यता प्राप्त 36 बोर्ड संस्थाओं के नामों की सूची जारी की है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि इन संस्थाओं के अलावा कोई भी संस्था देश में 10वीं व 12वीं की परीक्षा कराने या सर्टिफिकेट देने के लिए वैध नहीं है। ऐसी किसी भी संस्था से सर्टिफिकेट प्राप्त कर छात्र यदि उच्च शिक्षा में पढ़ते हैं, तो उन्हें आगे चलकर परेशानी हो सकती है। साथ ही नौकरियों में सत्यापन के बाद उनके शैक्षणिक कागजात फर्जी पाए जाने से नौकरी से भी निकाला जा सकता है।
यूपी बोर्ड के अनुसार प्रदेश के कई जिलों में फर्जी परीक्षा संस्थाओं की ओर से अवैध रूप से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। इन परीक्षा संस्थाओं द्वारा छात्रों को गुमराह कर उन्हें अपनी परीक्षाओं में सम्मिलित कराकर हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं के अंकपत्र व प्रमाण पत्र भी वितरित किए जा रहे हैं। इन परीक्षा संस्थाओं द्वारा उत्तीर्ण परीक्षार्थी उच्च शिक्षा में प्रवेश लेकर अध्ययन भी कर रहे हैं। ऐसे परीक्षार्थी राजकीय सेवा में भी कार्यरत हैं। ऐसे छात्रों का सेवायोजक द्वारा सत्यापन कराए जाने पर संबंधित परिषद उनके सर्टिफिकेट को अमान्य घोषित कर दिया जाता है। बाद में छात्र उच्च न्यायालय में वाद दायर करते हैं और सालों तक मामला विचाराधीन रहता है, जिससे परेशानी छात्र-छात्राओं को ही होती है।
कौन मान्य है यह जानना जरूरी
परिषद के अनुसार इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 के अधीन बनाए गए विनियम के अध्याय 12 व अध्याय 14 के अंतर्गत परिषद की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं की तरह देश के अन्य शिक्षा बोर्डो व अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित इस स्तर की परीक्षाओं के समकक्ष घोषित की गई है। लेकिन प्रदेश में कई फर्जी संस्थाओं द्वारा दसवीं 12वीं स्तर की परीक्षाओं का संचालन किया जा रहा है, जिसका कोई विधिक आधार नहीं है। यूपी बोर्ड ने जिन संस्थाओं को परीक्षाओं के संपादन की वैधता प्रदान की गई है, उनकी सूची वेबसाइट पर अपलोड कर दी है।