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मेरठ में बोले धर्मेंद्र प्रधान-भाजपा के साथ पिछड़ा व सर्वसमाज का गठबंधन, पढ़ें-जिन्‍ना के सवाल पर क्‍या कहा

UP Assembly Elections 2022 केंद्रीय मंत्री एवं उप्र विस चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने मेरठ में चार जिलों की विस चुनाव संचालन समितियों की बैठक ली। सीएए कानून की वापसी की मांग पर कहा कि इस बार गरीब कल्याण और विकास चुनावी मुद्दे हैं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 04:06 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 07:56 AM (IST)
मेरठ में बोले धर्मेंद्र प्रधान-भाजपा के साथ पिछड़ा व सर्वसमाज का गठबंधन, पढ़ें-जिन्‍ना के सवाल पर क्‍या कहा
मेरठ में प्रधान ने कहा, रालोद-सपा गठबंधन नहीं रोक सकता भाजपा की जीत।

मेरठ, जागरण संवाददाता। UP Assembly Elections 2022 चुनावी मोड में चल रही भाजपा नए लक्ष्य के साथ मैदान में है। केंद्रीय मंत्री एवं उप्र विस चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को बाईपास स्थित रिवेरा रिसोर्ट में विस चुनाव संचालन समितियों की बैठक ली। पत्रकारों से बातचीत में कहा कि रालोद-सपा और बसपा ने 2019 में मिलकर चुनाव लड़ा, और उन्हें बड़ी शिकस्त मिली। ऐसे में 2022 में भाजपा के आगे कोई गठबंधन नहीं ठहरेगा।

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जिनके पास कोई मुद्दा नहीं

पत्रकारों से वार्ता के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना और हर घर तक नल पहुंचाने पर काम हो रहा है। कोरोना काल में केंद्र एवं उप्र सरकार की उपलब्धियों को बयां किया। कहा कि 80 फीसद लोगों को सरकार ने मुफ्त राशन दिया। जिन्ना के सवाल पर कहा कि जिनके पास कोई मुद्दा नहीं, वो जिन्ना का जाप करते हैं। सीएए कानून की वापसी की मांग पर कहा कि इस बार गरीब कल्याण और विकास चुनावी मुद्दे हैं।

विकास कार्यों को गति दी

उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी और राज्य की योगी सरकार ने विकास कार्यों को बड़ी गति दी है। सरकार गरीबों के विकास और कल्याण के मुद्दे पर चुनावों में उतरेगी। हमारा गरीबों, पिछड़ों व सर्वसमाज के साथ गठबंधन है। तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने को लेकर अड़े किसान मोर्चा पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि लोकतंत्र में सभी अपनी बात रखते हैं। केंद्र सरकार ने सात वर्षों में किसानों का जितना हित किया, उतना कभी किसी सरकार ने नहीं किया।

किसानों के खातों में भेजा गया धन

2014 तक गन्ना किसानों की हालत खराब थी। 400 करोड़ का इथेनाल बेचा जाता था, जो अब बढ़कर 20 हजार करोड़ तक पहुंच गया। यह धन किसानों के खाते में गया। उन्हें सम्मान निधि भी दी जा रही है। सरकारी केंद्रों पर धान और गेहूं की खरीद की गई। कुसुम योजना के तहत किसानों को सोलर पंप दिए गए। किसान बीमा योजना में बदलाव किया गया।


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