बिना तैयारी गोतस्कर को पकड़ने पहुंची थी पुलिस
दौराला के रूहासा गांव में गोतस्कर को पकड़ने के दौरान पुलिस टीम पर हुए हमले की घटना पुलिसकर्मियों के अनुभव की कमी को दर्शाती है।
मेरठ, जेएनएन। दौराला के रूहासा गांव में गोतस्कर को पकड़ने के दौरान पुलिस टीम पर हुए हमले की घटना ने पुलिसकर्मियों के अनुभव और कमजोर मुखबिरी पर सवाल खड़ा कर दिया है। टीम का नेतृत्व कर रहे दो दारोगाओं में अनुभव की कमी रही, जो शातिर गोस्तर को पकड़ने के लिए बिना तैयारी ही दबिश देने पहुंच गए। जबकि दोनों दारोगाओं को आरोपित के स्वजन द्वारा पूर्व में भी पुलिस टीम पर किए गए हमले की जानकारी थी।
दौराला थाने में रूहासा गांव निवासी गोतस्कर मुव्वसिर पुत्र बुंदू के खिलाफ दर्ज मुकदमे की जांच 2013 बैच के दारोगा व थाने के एसएसआइ महेंद्र सिंह कर रहे थे। ये दौराला थाने में करीब डेढ़ वर्ष से तैनात हैं। वहीं थाने की दादरी चौकी क्षेत्र में रूहासा गांव आता है। दादरी चौकी इंचार्ज सुखवीर सिंह 2015 बैच के दारोगा हैं, जो करीब एक माह पहले ही चौकी पर तैनात हुए हैं। मुव्वसिर गोतस्करी के केस में वांछित चल रहा था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों दारोगा सोमवार को आपस में बातचीत कर वांछित गोतस्कर मुव्वसिर को गिरफ्तार करने अन्य चार पुलिसकर्मियों संग निकल पड़े। इनमें दो, तीन पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में थे, जबकि बाकी वर्दी पहने हुए थे। दोनों दारोगा अपने मुखबिरों से कोई जानकारी नहीं जुटा सके। साथ ही ठीक तरह से कोई घेराबंदी तक नहीं की।
इनका कहना है कि..
पुलिस टीम अधूरी तैयारी के साथ दबिश देने गई थी, जो हमले का कारण बना। दोनों दारोगाओं की पोस्टिग को थाने में कम ही समय हुआ है। बातचीत की जाएगी। जल्द ही सभी हमलावर पुलिस गिरफ्त में होंगे।
संजीव कुमार दीक्षित, सीओ दौराला