रणजी के रास्ते टीम इंडिया में जाना चाहते हैं उन्मुक्त
अपने शांत स्वभाव और फोकस्ड बल्लेबाजी की बदौलत आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को उनके ही घर में मात देने वाले क्रिकेटर उन्मुक्त चंद अब रणजी ट्रॉफी में दमदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया में प्रवेश का मार्ग बनाने जा रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन : अपने शांत स्वभाव और फोकस्ड बल्लेबाजी की बदौलत आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को उनके ही घर में मात देने वाले क्रिकेटर उन्मुक्त चंद अब रणजी ट्रॉफी में दमदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया में प्रवेश का मार्ग बनाने जा रहे हैं। साल 2012 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में टीम के कप्तान के तौर पर फाइनल मुकाबले में लगातार तीसरा शतक जड़ते हुए उन्मुक्त ने क्रिकेट जगत में अपनी दमदार उपस्थित दर्ज कराई थी। उन्मुक्त आइपीएल में मुंबई टीम से खेलते हैं और दिल्ली की रणजी टीम का हिस्सा हैं। सीजेडीएवी में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे उन्मुक्त ने कहा कि सितंबर में रणजी ट्रॉफी उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसमें बेहतरीन प्रदर्शन से ही उन्हें टीम इंडिया में स्थान बनाने का अवसर मिल सकता है। इसलिए उनका पूरा ध्यान इस समय रणजी ट्रॉफी में प्रदर्शन पर ही है।
चौथे ही मैच में मारा शतक
स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही उन्मुक्त को रणजी ट्रॉफी में खेलने का मौका मिल गया था। उन्होंनें अपने चौथे ही मैच में 151 रनों की शानदार पारी खेली और महज 18 साल की उम्र में आइपीएल का भी हिस्सा बन गए। इंडिया-ए और टी-20 में टीम की अगुवाई करते हुए शानदार प्रदर्शन किया है। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्मुक्त चंद के 60 मैचों में 3184 रन हैं। इनमें 457 चौके और 30 छक्के भी हैं। चंद ने कहा कि वह अपने बेहतरीन प्रदर्शन के साथ लगातार टीम इंडिया में घुसने का रास्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं पर अब तक उन्हें सफलता नहीं मिल सकी।
अब क्रिकेट में फिटनेस है बेहद जरूरी
वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन पर पूछे जाने पर चंद ने कहा कि अब साल के 12 महीनों में 10 महीने क्रिकेट खेला जा रहा है। ऐसे में क्रिकेटर्स के लिए बेहतरीन फिटनेस सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। उन्होंने कहा कि लगातार बेहतरीन प्रदर्शन के बाद एक खराब प्रदर्शन अक्सर हमें हीरो से जीरो बना देता है। टीम इंडिया के साथ भी यही हुआ था। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि टीम इंडिया का प्रदर्शन खराब हो गया है।
मेरठ में होना चाहिए स्टेडियम
उन्मुक्त ने कहा कि मेरठ से कई क्रिकेटर निकले हैं। क्रिकेटर्स यहां से बल्ला व अन्य उपकरण भी लेने आते रहते हैं। मैं भी कई बार यहां से खेल उपकरण लेकर गया हूं। क्रिकेट से मेरठ का नाम जुड़ा रहता है। बावजूद इसके यहां कोई क्रिकेट स्टेडियम अब तक नहीं बन सका जो होना चाहिए।