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केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल बोले- विश्वस्तरीय होगी हस्तिनापुर आइकोनिक साइट

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल का कहना है कि हस्तिनापुर आइकोनिक साइट विश्वस्तरीय होगी। इसका कार्य जल्द ही शुरू होगा। कहा कि इसकी डीपीआर बनेगी। वह बुधवार देर शाम सांसद राजेंद्र अग्रवाल के आवास पर पत्रकारों से रूबरू हुए।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 10:12 AM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 10:12 AM (IST)
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल बोले- विश्वस्तरीय होगी हस्तिनापुर आइकोनिक साइट
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री हस्तिनापुर के दौरे पर हैं।

मेरठ, जेएनएन। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल का कहना है कि हस्तिनापुर आइकोनिक साइट विश्वस्तरीय होगी। इसका कार्य जल्द ही शुरू होगा। कहा कि इसकी डीपीआर बनेगी। वह बुधवार देर शाम सांसद राजेंद्र अग्रवाल के आवास पर पत्रकारों से रूबरू हुए। केंद्रीय मंत्री गुरुवार को हस्तिनापुर में पुरातत्व स्थल देखेंगे व जैन समाज के कार्यक्रम में भी प्रतिभाग करेंगे।

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केंद्रीय मंत्री ने बताया कि डीपीआर बनाने से पहले जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ ही जनता का भी सुझाव लिया जाएगा। सार्वजनिक बैठक होगी जिसमें सुझाव के लिए लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तीन माह बाद डीपीआर पर कार्य शुरू होगा तभी सुझाव लिए जाएंगे।

आइकोनिक साइट पर राष्ट्रीय संग्रहालय बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसे राष्ट्रीय संग्रहालय के बजाय इंटरप्रिटेशन सेंटर कहना ज्यादा उचित होगा। इस मौके पर सांसद राजेंद्र अग्रवाल, जिलाध्यक्ष अनुज राठी, महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल, हर्ष गोयल आदि मौजूद रहे।

टूरिस्ट हाईवे वेबसाइट देगी सुविधाओं की जानकारी

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देशभर में हाईवे व एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाया गया है। ऐसे में हाईवे के नजदीक पड़ने वाले पर्यटन स्थलों के बारे में जानने से पर्यटक बढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए टूरिस्ट हाईवे के नाम से वेबसाइट बनाई जा रही है। जल्द ही इसे लांच किया जाएगा।

पुरातत्व सर्किट से खोदाई व संरक्षण को मिलेंगे मौके

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पुरातत्व सर्किल बन जाने से इस सर्किल में पड़ने वाले स्थानों पर खोदाई आसान व समय-समय पर होती रहेगी। पुरातत्व अधिकारी स्थानीय महत्व को देखते हुए जल्द निर्णय लेने में सक्षम होंगे। जो पुरातत्व स्थल पहले से हैं उनके संरक्षण के लिए ज्यादा कार्य हो सकेगा।

डाक्यूमेंट्री नहीं वास्तविक लाइट एंड साउंड शो होगा

1857 की क्रांति को लाइट एंड साउंड शो के जरिए दिखाने के लिए स्वदेश दर्शन योजना के तहत शहीद स्मारक में इस प्रोजेक्ट का कार्य हुआ। लेकिन लाइट एंड साउंड शो के बजाय बना दी गई डाक्यूमेंट्री। इसके ट्रायल के बाद ही यह प्रोजेक्ट लटक गया। इस प्रोजेक्ट का क्या हुआ किसी को पता नहीं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि फिलहाल इसका निर्माण करने वाली कंपनी वेबकास को काली सूची में डाला गया है। डाक्यूमेंट्री के बजाय उसी तरह से प्रस्तुति होगी जिस तरह से लाइट एंड साउंड शो होता है। 


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