Dehli-Meerut Express Way: पीएमओ का अल्टीमेटम, 31 मई तक पूरा करें एक्सप्रेस-वे का निर्माण Meerut News
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का शत प्रतिशत काम अब हर हाल में 31 मई तक पूरा किया जाना है। यह प्रधानमंत्री कार्यालय का भी अल्टीमेटम है।
मेरठ, जेएनएन। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का शत प्रतिशत काम अब हर हाल में 31 मई तक पूरा किया जाना है। यह प्रधानमंत्री कार्यालय का भी अल्टीमेटम है। हालांकि एक्सप्रेस-वे चार चरणों में बनाया जा रहा है लेकिन मेरठ से दिल्ली पहुंचने के लिए पहले, दूसरे और चौथे चरण का काम पूरा होना आवश्यक है। तीसरा चरण डासना से हापुड़ के बीच का है। जिसे हापुड़ को जाने वाला यातायात प्रयोग करेगा। एक्सप्रेस-वे के दूसरे और चौथे चरण का कार्य अभी बाकि है। अफसरों का दावा है कि 31 मई से पहले ही इस एक्सप्रेस-वे के सभी चरणों का काम पूरा करके इसे शत प्रतिशत पूर्ण कर दिया जाएगा।
चार में से दो भाग का काम पूरा
मेरठ से दिल्ली तक का सफर सुगम बनाने के लिए 82 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे का निर्माण 8346 करोड़ रुपये के किया जा रहा है। इसके चार भाग हैं। जिसमें से दो को पूरा किया जा चुका है। दो अधूरे हैं। मेरठ से दिल्ली तक जाने के लिए तीन भाग का काम पूरा होना जरूरी है। जिसमें से पैकेज संख्या एक निजामुद्दीन से यूपी गेट तक का काम डेढ़ साल से अधिक समय से पूरा किया जा चुका है। पैकेज संख्या दो यूपी गेट से डासना तक अधूरा है। इसका 34 फीसदी काम बाकी है। जबकि पैकेज संख्या चार डासना से मेरठ है। यह हिस्सा भी अभी अधूरा है। लेकिन अब एक्सप्रेस-वे को 31 मई तक शत प्रतिशत पूर्ण करने का दावा किया जा रहा है। चतुर्थ चरण सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड है। जिसमें चार गांवों के भूमि अधिग्रहण में धांधली ने काम रोक दिया था। हालांकि अब सभी बाधाएं खत्म कर ली गई हैं। चार गांवों में भी युद्धस्तर पर काम कराया जा रहा है।
चार गांवों में बन रहा 700 मीटर एलीवेटिड हाइवे
मेरठ से डासना के बीच डासना के पास चार गांवों में आबादी क्षेत्र है। यहां से एक्सप्रेस-वे को एलीवेटिड यानि पिलर के सहारे जमीन के ऊपर से गुजारा जा रहा है। यह दूरी 700 मीटर की है। भूमि अधिग्रहण का मामला खत्म होने के बाद यहां यह कार्य प्राथमिकता पर और अधिकतम गति के साथ कराया जा रहा है। अफसरों का दावा है कि यह कार्य भी समय रहते पूर्ण करा लिया जाएगा।
अब नहीं है कोई बहाना
कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने बताया कि एक्सप्रेस-वे को हर हाल में 31 मई तक पूरा किया जाना है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनएचएआइ को यह अल्टीमेटम दिया है। अब अधिकारियों के पास कोई बहाना भी नहीं है। सभी विवाद और समस्याएं खत्म हो चुकी हैं। मौसम भी ठीक रहेगा। चतुर्थ चरण में 700 मीटर लंबे एलीवेटिड हिस्से का निर्माण जोरो पर है। परतापुर क्षेत्र में भी अंडरपास और रेलवे ओवर ब्रिज का काम युद्धस्तर पर जारी है। तीसरे चरण में तीन बड़े स्ट्रक्चर बनाये जा रहे हैं। लेकिन यह कार्य भी मई तक पूर्ण किया जाएगा।