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डीपीआर में बीत गए दो साल, बजट पर टिकी पटरी की उम्मीद

चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग पर नव निर्माण गंगनहर पटरी की घोषणा को दो वर्ष बीत गए हैं। 26 मई 2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ पटरी मार्ग को जाम से मुक्त करने के लिए दोहरीकरण की घोषणा की थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 10:00 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 10:00 AM (IST)
डीपीआर में बीत गए दो साल, बजट पर टिकी पटरी की उम्मीद
डीपीआर में बीत गए दो साल, बजट पर टिकी पटरी की उम्मीद

मेरठ, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग पर नव निर्माण गंगनहर पटरी की घोषणा को दो वर्ष बीत गए हैं। 26 मई 2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ पटरी मार्ग को जाम से मुक्त करने के लिए दोहरीकरण की घोषणा की थी। इसके लिए 50 करोड़ के बजट की व्यवस्था भी की गई। लेकिन दो साल बीतने के बाद भी इसकी फाइल डीपीआर बनने तक ही पहुंच पाई है। करीब दो माह पूर्व लोक निर्माण विभाग ने दायीं पटरी निर्माण के लिए 694.78 करोड़ की डीपीआर भेजी थी। वहीं, दूसरी ओर सुरक्षा की समुचित व्यवस्था न होने के कारण गंगनहर में कार समाने वाले मामलों में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। साथ ही हर रोज गंगनहर पटरी पर लगने वाले जाम से भी लोग परेशान हैं। इसलिए गंगनहर पटरी निर्माण के लिए बजट से काफी उम्मीदें हैं।

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घोषणा के वक्त मिला था 50 करोड़

गंगनहर के दायीं पटरी की लखनऊ में शासन के पास डीपीआर पहुंच गई है। इसमें प्री-कंस्ट्रक्शन एक्टीविटी के लिए विभाग ने 109 करोड़ की मांग रखी है। गंगनहर पटरी की कुल लागत 694 करोड़ आंकी की गई है। साथ ही वित्तीय वर्ष 2019-20 में 50 करोड़ के बजट का प्रावधान सम्मिलित है।

लोक निर्माण विभाग के अनुसार तीनों जनपद में मार्ग की लंबाई व कार्य की कुल लागत

जनपद लंबाई (किमी) लागत (लाख में)

मेरठ 42.30 25682.80

मुजफ्फरनगर 56.84 34091.41

गाजियाबाद 12.35 9704.34

कुल 111.49 69478.55

वर्तमान में बायीं पटरी पर यातायात

लोक निर्माण विभाग के अनुसार, मुजफ्फरनगर से दिल्ली की ओर से चलने वाले ट्रैफिक को मानक मानकर वर्तमान दिशा को बायीं पटरी कहते हैं। इसके अलावा नव निर्माण की जाने वाली पटरी दायीं दिशा कहलाई जाएगी।

वर्जन ..

गंगनहर पटरी निर्माण शासन की प्राथमिकता में शामिल है। दायीं ओर पटरी के नव निर्माण में 694 करोड़ की डीपीआर भेज रखी है। डीपीआर की फाइल निर्णायक दौर में हैं। बहुत जल्द स्वीकृति मिलने के बाद कार्य शुरू हो जाएगा।

- सीपी सिंह, अधिशासी अभियंता, निर्माण खंड (भवन), लोक निर्माण विभाग।


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