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मेरठ में फर्जी दारोगा की मुहर व हस्‍ताक्षर कर कुख्‍यात का जमानत कराने पहुंचे दो आरोपित, ऐसे हुआ खुलासा- गिरफ्तार

दौराला थाने से 2013 में लूट के आरोप में कुख्यात बदमाश सोनू पुत्र रामकिशन को जेल भेजा गया था। सेशन एवं एडीजे पोक्सो थर्ड कोर्ट में मुकदमे का ट्रायल चल रहा था। सोनू की जमानत के लिए भी अर्जी डाली गई थी।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 09:31 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 09:31 AM (IST)
मेरठ में फर्जी दारोगा की मुहर व हस्‍ताक्षर कर कुख्‍यात का जमानत कराने पहुंचे दो आरोपित, ऐसे हुआ खुलासा- गिरफ्तार
मेरठ में दो आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं।

जागरण संवाददाता, मेरठ। कुख्यात बदमाश सोनू की जमानत कराने आए फर्जी जमानती को सेंशन कोर्ट एवं एडीजे पोक्सो थर्ड की कोर्ट में पकड़ लिया गया। दोनों आरोपितों को पुलिस के हवाले कर दिया है। जांच की जा रही है कि किस अधिवक्ता की तरफ से हापुड़ कोतवाली की फर्जी मुहर बनाकर जमानतदारों का वेरीफिकेशन किया गया था।

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दौराला थाने से 2013 में लूट के आरोप में कुख्यात बदमाश सोनू पुत्र रामकिशन को जेल भेजा गया था। सेशन एवं एडीजे पोक्सो थर्ड कोर्ट में मुकदमे का ट्रायल चल रहा था। सोनू की जमानत के लिए भी अर्जी डाली गई थी। दो जमानतदार हरकेश पुत्र दासी और कैलाश पुत्र मूलचंद निवासी सरावा हापुड़ ने जमानत के लिए एडीजे पोक्सो थर्ड स्नेहलता की कोर्ट में अर्जी लगाई।

एडीजे को शक हुआ कि दोनों जमानती फर्जी हैं, उन्होंने हापुड़ कोतवाली में तैनात दारोगा अमित कुमार की रिपोर्ट लगा रखी थी, जिसमें दर्शाया गया था कि कोतवाली हापुड़ पर तैनात दारोगा अमित कुमार की तरफ से जमानतियों के नाम और पते तस्दीक किए गए हैं, जो सही पाए गए है। शक के आधार पर एडीजे स्नेहलता ने एसएसपी प्रभाकर चौधरी से बात की।

उन्होंने कैलाश और हरकेश की जांच कराने के लिए सीओ दौराला को आदेश दिया। सीओ दौराला ने कोतवाली के इंस्पेक्टर से सीयूजी नंबर पर बातचीत की। जांच में सामने आया कि हापुड़ कोतवाली में अमित कुमार नाम का कोई दारोगा तैनात नहीं है। सीओ की जांच रिपोर्ट आने के बाद एडीजे कोर्ट में हरकेश और कैलाश को बैठा लिया गया। कोर्ट मोहर्रिर सचिन कुमार, आकाश अग्रवाल और पंकज की तरफ से सिविल लाइन पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। पुलिस दोनों आरोपितों को थाने ले आई है। दोनों से थाने में पूछताछ की जा रही है। इंस्पेक्टर अब्दुर रहमान का कहना है कि दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। साथ ही कुख्यात सोनू की जमानत भी निरस्त कर दी गई है।

इनामी अतुल की गिरफ्तारी के लिए लगाई एसटीएफ

बहुजन समाज पार्टी नेता और कांस्टेबल के पिता मनोज कुमार की हत्या में फरार चल रहे 50 हजारी अतुल की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ लगा दी गई है। इस हत्याकांड में पुलिस अतुल के चचेरे भाई अनुज, मामा नगेंद्र और नाना ओमपाल को जेल भेजा है। 28 अगस्त को इंचौली के चिंदौड़ी में मनोज कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। स्वजन ने गांव के ही अतुल कुमार, अनुज उर्फ चीकू, अंकुर, ओमपाल और दो अज्ञात को नामजद किया था। जांच में सनी काकरान पुत्र नगेंद्र निवासी पावली खुर्द, कपिल गोस्वामी और अरुण का नाम प्रकाश में आया था।

कई स्‍थानों पर मिली लोकेशन

पुलिस कपिल और अरुण को पहले ही जेल भेज चुकी है। कई दिनों तक हिरासत में पूछताछ के बाद पुलिस ने बुधवार को अनुज, नगेंद्र और ओमपाल को भी हत्या की साजिश के आरोप में जेल भेज दिया। इनके कब्जे से एक तमंचा, बाइक और मोबाइल मिला। अनुज मास्टर माइंड है और पहले भी लूट की कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है। अनुज का अतुल से चचेरे भाई का रिश्ता है। पुलिस मुख्य आरोपित अतुल को अभी तक पकड़ नहीं पाई है, जबकि अतुल पर 50 हजार का इनाम आइजी रेंज ने घोषित कर रखा है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि अतुल की गिरफ्तारी को पुलिस की टीमें लगी है। उसकी कई स्थानों पर लोकेशन भी मिल चुकी है। जल्द ही अतुल को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा: बदमाश पर 50 हजार का इनाम घोषित होने के बाद एसटीएफ को भी लगा दिया जाता है। अतुल की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस और एसटीएफ संयुक्त रूप से काम कर रही है। अतुल बड़ा ही शातिर अपराधी हैं, उसने 15 साल पहले हुई रंजिश का बदला मनोज कुमार की हत्या करके चुकाया है। ऐसे अपराधी को जल्द ही पकड़ा जाएगा। 


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