विधायक व मोदी रबर के अफसरों में तनातनी, फिर बात बनी
मोदी रबर कालोनी में पेयजल को लेकर चल रहे विवाद के बीच मंगलवार को कैंट विधायक स्थानीय पार्षद के साथ कालोनी पहुंचे।
जेएनएन, मेरठ। मोदी रबर कालोनी में पेयजल को लेकर चल रहे विवाद के बीच मंगलवार को कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल स्थानीय पार्षद और कार्यकर्ताओं संग कालोनी में पहुंचे। लोगों ने विधायक को समस्याएं बताते हुए मोदी रबर और कॉन्टिनेंटल कंपनी को कठघरे में खड़ा किया। विधायक और मोदी रबर कंपनी के अफसरों के बीच बैठक हुई, जिसमें कुछ देर को तनातनी हो गई। मोदी रबर के अफसरों ने साफ कर दिया कि 15 अगस्त तक उनकी तरफ से कालोनी में पेयजल आपूíत की जाएगी, उसके बाद बंद कर दी जाएगी। इस बीच विधायक कॉन्टिनेंटल के अफसरों से बात कर कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान निकलाने का प्रयास करेंगे।
मोदी रबर कालोनी निवासी मनजीत सिंह, श्रवण सिंह, सतपाल सिंह, दिनेश कुमार, मदन पाल और रिटायर्ड कर्मचारी आरएन तिवारी ने विधायक से बताया कि कॉन्टिनेंटल कंपनी कर्मचारियों के वेतन से हाउस रेंट काट रही है, मगर मोदी रबर को जमा नहीं कर रही। ऐसे में मोदी रबर की ओर से पेयजल की आपूíत में दिक्कत हो रही है। दोनों कंपनियों के बीच आपसी मतभेद हैं और परेशान कर्मचारी हो रहा है। विधायक ने मोदी रबर के अधिकारी संजीव बाजपेयी, फाइनेंस कंट्रोलर कमल गुप्ता और गेस्ट हाउस मैनेजर राज बहल को बातचीत के लिए बुलाया। दोनों पक्षों में आधा घंटे तक तीखी नोकझोंक के बाद कंपनी अधिकारियों ने कहा कि 15 जुलाई को कॉन्टिनेंटल से एग्रीमेंट समाप्त होने के बाद कोई रुपया नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण बिजली और पानी का बिल जमा करने में परेशानी हो रही है। सभी कर्मचारी मोदी रबर के नहीं कॉन्टिनेंटल कंपनी के हैं। इनका कहना है
किसी भी हाल में पानी की सप्लाई बंद नहीं होने दी जाएगी। फिलहाल 15 अगस्त तक कालोनी में पानी की सप्लाई सुचारु रहेगी। इस बीच कॉन्टिनेंटल कंपनी के अधिकारियों से बात कर समाधान निकाला जाएगा।
-सत्यप्रकाश अग्रवाल, विधायक कैंट।
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नियमानुसार पानी की सप्लाई चालू रखी जाएगी। दोनों कंपनियों के अधिकारियों को आपस में वार्ता कर कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान निकालाना होगा।
अमित कुमार, एसडीएम-सरधना।
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90 कर्मचारियों पर दर्ज कराएंगे केस
मोदी रबर कंपनी के अधिकारी संजीव बाजपेयी, कमल गुप्ता और मैनेजर राज बहल ने मंगलवार को कालोनी के गेस्ट हाउस में प्रेसवार्ता में कहा कि कालोनी में ढाई हजार घर हैं, जिनमें 235 कर्मचारी रहते हैं। इनमें 104 कर्मचारी कॉन्टिनेंटल कंपनी में हैं, बाकी 131 कर्मचारी मोदी और कॉन्टिनेंटल कंपनी से सेवानिवृत्त होने के बाद भी रह रहे हैं। 131 में करीब 40 कर्मचारियों का मोदी कंपनी से केस चल रहा है। यह सवाल पूछने पर कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों का मोदी कंपनी पर ग्रेच्युटी का हिसाब रुका है और कर्मचारी कहते हैं कि बकाया देने पर मकान खाली कर देंगे। इसपर बाजपेयी ने कहा कि कंपनी के रिकॉर्ड में कोई बकाया नहीं है। इनका कोर्ट में केस चल रहा है। इन समेत 90 लोगों पर कंपनी अवैध तरीके से रहने का केस दर्ज कराएगी। कालोनी खाली होने पर मोदी कंपनी यहां उद्योग बनाने का खाका तैयार कर रही है। कॉन्टिनेंटल का मोदी कालोनी से कोई वास्ता नहीं
कॉन्टिनेंटल कंपनी में एचआर विभाग के अधिकारी प्रदीप राय का कहना है कि कॉन्टिनेंटल का मोदी कालोनी से कोई वास्ता नहीं है। वर्ष 2011 में कॉन्टिनेंटल ने मोदी रबर कंपनी से एक समझौते में किराए पर कुछ क्वार्टर लिए थे, जो समझौता 15 जुलाई को खत्म हो गया। कॉन्टिनेंटल के जो कर्मचारी मोदी कालोनी में रहते हैं, उन सभी को कॉन्टिनेंटल प्रबंधन ने रेंट एग्रीमेंट समाप्ति से पहले ही सूचना देकर कहा था कि वह मकान खाली कर उसका कब्जा मोदी कंपनी को दें। फिर कॉन्टिनेंटल से अपना एचआरए हासिल करें।