दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर आज शुरू नहीं हो सकी टोल वसूली, जानें-कैसे कटेगा फास्टैग खाते से पैसा
Toll on Expressway दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर सभी लेन फास्टैग वाले हैं एक भी कैश लेन नहीं इसलिए रीचार्ज रखें फास्टैग। काशी टोल प्लाजा पर प्रवेश के लिए सात व निकासी के लिए 12 लेन बूथ हैं। हालांकि आज टोल वसूली शुरू नहीं हो पाई।
मेरठ,जागरण संवाददाता। Toll on Expressway दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर आज (शनिवार) सुबह आठ बजे से टोल वसूली शुरू होनी थी, लेकिन आज टोल की वसूली शुरू हो पाई। बताया जा रहा है कि एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) और टोल टैक्स वसूलने वाली कंपनी पाथ इंडिया के बीच समन्वय की कमी रही। एनएचएआइ की ओर से वसूली शुरू करने संबंधी पत्र कंपनी को नहीं भेजा गया, जिस कारण तमाम तैयारी के बाद भी टैक्स वसूली की शुरुआत नहीं हो पाई है। हालांकि अभी आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन जल्द ही यहां पर टोल की वसूली शुरू कर दी जाएगी। वहीं इस बीच पाथ कंपनी के अधिकारी का कहना है कि एनएचएआइ की ओर से ही अभी टोल वसूली शुरू नहीं करने को कहा गया है। उधर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे के परियोजना निदेशक का फोन सुबह से ही बंद है। एनएचएआइ के दिल्ली एनसीआर के क्षेत्रीय अधिकारी किसी का फोन नहीं रिसीव कर रहे हैं।
फास्टैग युक्त है एक्सप्रेस-वे
गौरतलब है कि एक्सप्रेस-वे इसी साल अप्रैल में शुरू हुआ था लेकिन तब से अब तक शुल्क नहीं लिया जा रहा था। यह एक्सप्रेस-वे पूरी तरह से फास्टैग युक्त है। यहां कुल 19 बूथ हैं और सभी बूथ लेन फास्टैग वाले हैं। एक भी कैश लेन बूथ नहीं है। इसलिए यदि वाहन पर फास्टैग नहीं लगवाया है तो अब लगवा लें। फास्टैग खाते में धनराशि नहीं है तो उसे रीचार्ज करा लें।
ज्यादा बड़े वाहन के लिए किनारे है अलग लेन
काशी टोल प्लाजा पर दिल्ली की तरफ जाने वाली दिशा में प्रवेश के लिए कुल सात बूथ हैं। इनमें से छह पर सभी तरह के हल्के वाहन जैसे कार व भारी वाहन जैसे सामान्य ट्रक निकलेंगे। ज्यादा वजन लेकर चलने वाले व ज्यादा लंबाई-चौड़ाई वाले ट्रक के लिए एक लेन अलग से है। यह लेन बाईं तरफ सबसे किनारे है। दिल्ली से आने पर निकासी के लिए काशी टोल प्लाजा पर 12 लेन हैं। इनमें से 11 लेन पर सभी तरह के हल्के वाहन जैसे कार व भारी वाहन जैसे सामान्य ट्रक निकलेंगे। जबकि ज्यादा वजन लेकर चलने वाले या ज्यादा लंबाई-चौड़ाई वाले ट्रक के लिए एक लेन अलग से है। यह लेन बाईं तरफ सबसे किनारे है।
प्रतिबंधित वाहनों को रोकेंगे मार्शल, जाएगा आनलाइन चालान
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर दोपहिया, तिपहिया वाहन, ट्रैक्टर व बैलगाड़ी प्रतिबंधित हैं। इन वाहनों को पहले तो काशी टोल प्लाजा पर मार्शल जाने से रोकेंगे। यदि कोई विरोध करेगा तो उसकी सूचना पुलिस को दी जाएगी। इसके बावजूद अगर कोई प्रतिबंधित वाहन एक्सप्रेसवे पर प्रवेश कर गया तो उसका चालान कटेगा। यह चालान आनलाइन उसके पते पर जाएगा। आटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर ऐसे वाहनों का विवरण निकाल लेंगे जिसके आधार पर यह विवरण एनआइसी को भेजा जाएगा। एनआइसी से ट्रैफिक पुलिस को विवरण भेजा जाएगा। चालान कितने रुपये का होगा यह अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि इसका शुल्क ट्रैफिक पुलिस मोटर वाहन अधिनियम के तहत तय करेगी।
100 से ऊपर न भगाएं कार, पहुंचेगा चालान
हल्के वाहन जैसे कार आदि की अधिकतम गति सीमा 100 रखी गई है। वहीं ट्रक जैसे भारी वाहन की अधिकतम गति सीमा 80 लिखी गई है। यदि इस गति से अधिक रफ्तार से वाहन चलाएंगे तो आनलाइन चालान घर पहुंचेगा। कई स्थानों पर स्पीड की जांच करने वाले कैमरे लगाए गए हैं। डिजिटल मीटर भी लगे हैं जो वाहन चालक को उसकी गति बता देते हैं।
टोल फास्टैग से कटेगा, जुर्माना कैश
एक्सप्रेसवे पर टोल फास्टैग से कटेगा। मगर वाहन पर फास्टैग नहीं या फिर फास्टैग में रुपये नहीं हैं तो प्रवेश या निकास के लिए जुर्माने के रूप में टोल देना होगा। यह जुर्माना मेरठ से दिल्ली तक दोगुना होगा। यानी कुल 280 रुपये चुकाने होंगे।
जानिए किस तरह से कटेगा आपके फास्टैग खाते से टोल
मान लीजिए आपने काशी टोल प्लाजा या फिर भोजपुर आदि स्थान पर प्रवेश किया और आपको जाना है सरायकाले खां या फिर इंदिरापुरम तक। इस स्थिति मेंं अगर आपके वाहन पर फास्टैग है और उसमें रुपये हैं तो प्लाजा का बूम बैरियर अपने आप उठ जाएगा। और आप बेझिझक टोल पार सकेंगे। कोई आपको रोकेगा नहीं। फिर जब आप इंदिरापुरम या फिर सरायकाले खां में निकास करेंगे तो भी कोई नहीं रोकेगा। लेकिन निकास करते ही आपके फास्टैग से टोल कट जाने का मैसेज आ जाएगा। दरअसल यह सब होगा आटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) व फास्टैग स्कैनर से। जैसे ही आप काशी टोल प्लाजा या कोई भी प्रवेश स्थान पहुंचेंगे वहां फास्टैग स्कैनर यह जांच कर लेगा कि खाते में पैसे हैं भी नहीं। यदि पर्याप्त पैसे होंगे तो बूम बैरियर उठ जाएगा और आप फर्राटा भर सकेंगे।
ऐसी रहेगी व्यवस्था
लेकिन वहीं पर थोड़ा आगे बढ़ते ही वहां पर लगे आटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर आपकी गाड़ी का नंबर व उसका पूरा विवरण आनलाइन तरीके से दर्ज कर लेंगे। और साफ्टवेयर में सूचना दर्ज हो जाएगी आपकी गाड़ी किस स्थान से प्रवेश हुई है। फिर जैसे ही आप इंदिरापुरम में निकासी करेंगे वहां पर फिर वही आटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) लगा हुआ दिखाई देगा। यह रीडर निकासी के स्थान पर गाड़ी का विवरण व उसके निकासी के स्थान की सूचना साफ्टवेयर को देगा। कुछ सेकेंड के अंदर ही प्रवेश व निकास स्थान से गुजरी हुई गाड़ी के नंबर को मिलाकर एक सूचना तैयार लेगी कि आपकी गाड़ी कहां से प्रवेश हुई और कहां से निकास। फिर उसकी दूरी के आधार पर फास्टैग से टोल कट जाएगा।