UP Day पर मेरठ के इन तीन खिलाड़ियों को मिला लक्ष्मण-लक्ष्मीबाई अवार्ड Meerut News
उप्र दिवस समारोह में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने खेल के क्षेत्र में प्रदेश का नाम रोशन करने वाले 14 खिलाड़ियों को सम्मानित किया । इसमें मेरठ के भी तीन खिलाड़ी हैं।
मेरठ, जेएनएन। खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को प्रदेश सरकार की ओर से दिए जाने वाले लक्ष्मण पुरस्कार व रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार में चयनित 14 खिलाड़ियों में तीन खिलाड़ी मेरठ के भी हैं। वर्ष 2019 में खेल उपलब्धियों के लिए पुरस्कार के लिए चयनित खिलाड़ियों में शूटर सौरभ चौधरी, एथलीट पारुल चौधरी और तीरंदाज चमन सिंह को चुना गया है। तीनों खिलाड़ियों को लखनऊ में आयोजित उप्र दिवस समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व राज्यपाल ने सम्मानित किया। सभी खिलाड़ियों को कांस्य प्रतिमा, प्रशस्ति पत्र और 3.11 लाख रुपये दिया गया। इस पुरस्कार में पुरुष खिलाड़ियों को लक्ष्मण पुरस्कार और महिला खिलाड़ियों को लक्ष्मीबाई पुरस्कार से नवाजा गया है।
शूटिंग के गोल्डन ब्वाय हैं सौरभ चौधरी
वल्र्ड नंबर एक, यूथ ओलंपिक्स चैंपियन और एशियन गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट सौरभ चौधरी की उपलब्धियों में एक और स्वर्णिम अवसर जुड़ा है। वर्ष 2019 में खेल के क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए लक्ष्मण पुरस्कार के लिए चयनित 17 वर्षीय सौरभ चौधरी ने भोपाल में आयोजित 63वें नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता है। इस सीजन में सौरभ चौधरी ने अब तक आइएसएसएफ की शूटिंग वल्र्ड कप में दो एकल स्वर्ण पदक और मनु भक्कर के साथ मिक्स्ड एयर पिस्टल में चार स्वर्ण पदक जीते हैं। सौरभ चौधरी के अब तक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 12 स्वर्ण पदक, दो रजत पदक और दो कांस्य पदक हैं। सौरभ ने यूथ ओलंपिक गेम्स में एक स्वर्ण पदक, वल्र्ड चैंपियनशिप में एक मेडल, वल्र्ड कप में दो स्वर्ण व एक कांस्य, आइएसएसएफ जूनियर वल्र्ड कप में एक स्वर्ण, एशियन चैंपियनशिप में दो स्वर्ण व एक रजत पदक, एशियन गेम्स में एक स्वर्ण पदक आदि आदि पक जीते हैं। सौरभ को 2020 टोक्यो ओलंपिक का टिकट भी मिल चुका है और उनसे इस साल ओलंपिक पदक की भी उम्मीद जताई जा रही है।
चमन की तीरंदाजी को मिलेगा सम्मान
लक्ष्मण पुरस्कार पाने वाले तीरंदाज चमन सिंह पुत्र चंद्रपाल सिंह उपाध्याय बीएसएफ में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं। जानी खुर्द में ग्राम टीकरी के रहने वाले चमन सिंह की तीरदांजी ट्रेनिंग गुरुकुल प्रभात आश्रम में हुई है। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में चमन ने चीन में आयोजित वल्र्ड पुलिस गेम्स, 2019 में दो स्वर्ण पदक जीते हैं। इसमें चमन ने थ्री-डी आर्चरी और टारगेट आर्चरी में एक-एक स्वर्ण जीता था। तीरंदाजी की वल्र्ड कप में भी हिस्सा ले चुके हैं। एशिया कप बैंकॉक 2014 में हिस्सा लिया। सीनियर नेशनल तीरांदाजी प्रतियोगिता 2014 में टीम रजत पदक, नेशनल गेम्स केरल 2015 में टीम स्वर्ण और सीनियर नेशनल 2019 में मिक्स्ड टीम में कांस्य पदक जीता था। इसके अलावा चमन के तीर ऑल इंडिया पुलिस चैंपियनशिप 2017 में बेस्ट आर्चर का खिताब जीतने के साथ ही चार स्वर्ण पदक जीते थे। ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र-2014 में भी दो स्वर्ण पदक और एक रजत पदक जीता था। ऑल इंडिया पुलिस एकेडमी 2018 में भी चार स्वर्ण पदक, एक रजत व एक कांस्य पदक जीता था। चमन ने पहला नेशनल मेडल 36वें जूनियर नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप असम 2013 में कांस्य पदक जीता था।
पारुल ने फर्राटा भर दर्ज की स्वर्णिम उपलब्धियां
लक्ष्मीबाई अवार्ड पाने वाली पारुल चौधरी ने अगस्त 2019 में ओलंपियन सुधा सिंह को 3000 मीटर स्टीपल चेस में हराकर अपने नाम स्वर्ण पदक कर लिया था। पारुल की उपलब्धियों में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पदकों की भरमार है जो उन्हें रफ्तार में अलग पहचान देता है। वर्ष 2019 में पारुल ने 23वें एशियन चैंपियनशिप दोहा में पांच हजार मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता था। यह दौड़ पारुल ने रिकॉर्ड 15:36:03 मिनट में पूरी की थी। इसके बाद नेपाल में हुए सैफ गेम्स में भी पांच हजार मीटर की दौड़ 16:57:49 मिनट में पूरी कर रजत पदक जीता था। भारतीय रेलवे में कार्यरत पारुल ने यूरोप में हुई वल्र्ड रेलवे एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 3,000 मीटर और 800 मीटर में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। इनके अलावा पिछले साल प्रदेश व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी पारुल का दमदार प्रदर्शन रहा। सीनियर फेडरेशन कप पटियाला में तीन हजार मीटर स्टीपल चेस और पांच हजार मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक, सीनियर इंटर स्टेट लखनऊ में भी तीन हजार स्टीचल चेस में स्वर्ण व पांच हजार मीटर में स्वर्ण जीता। सीनियर ओपन नेशनल रांची में भी पारुल ने तीन हजार मीटर स्टीपल चेस व पांच हजार मीटर में स्वर्ण पदक जीता है।