देवउठनी एकादशी से गूंजेगी शहनाई, पर मुहूर्त कम
देवउठनी एकादशी को श्रीहरि निद्रा से जागते हैं। इस दिन से विवाह आदि शुभ कार्यो की शुरुआत भी हो जाती है। इस बार देवउठनी एकादशी 25 नवंबर की है।
मेरठ, जेएनएन। देवउठनी एकादशी को श्रीहरि निद्रा से जागते हैं। इस दिन से विवाह आदि शुभ कार्यो की शुरुआत भी हो जाती है। इस बार देवउठनी एकादशी 25 नवंबर की है। सूरजकुंड स्थित बाबा मनोहरनाथ मंदिर की महामंडलेश्वर नीलिमानंद महाराज ने बताया कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन देव सो जाते हैं, और फिर कार्तिक मास की एकादशी को जागते हैं। देवों के जागने के बाद ही शुभ और मांगलिक कार्यो की शुरुआत होती है।
सदर छोटी दुर्गाबाड़ी मंदिर के शास्त्री विशाल भारद्वाज का कहना है कि शास्त्रों के अनुसार देव सोने के बाद विवाह एवं मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। देवउठनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा होती है। तुलसी विवाह भी कराया जाता है। उधर, इस साल नवंबर और दिसंबर में शादी के कुल नौ शुभ मुहूर्त ही हैं। अगले साल भी गुरु और शुक्र अस्त होने के कारण कम मुहूर्त हैं।
इन तिथियों पर विवाह के शुभ मुहूर्त : 25 नवंबर उत्तर भाद्रपद नक्षत्र, 27 नवंबर शुक्र नक्षत्र, 29 नवंबर रवि नक्षत्र, 30 नवंबर सोम नक्षत्र, 1 दिसंबर मंगल नक्षत्र, 7 दिसंबर सोम नक्षत्र, 9 दिसंबर बुध नक्षत्र, 10 दिसंबर गुरु नक्षत्र, 11 दिसंबर शुक्र नक्षत्र।
निश्शुल्क राशन वितरण योजना इसी माह तक : राशनकार्ड धारकों को हर महीने गेहूं, चावल और चना निश्शुल्क दिया जा रहा है। इसी महीने यह योजना समाप्त हो जाएगी। इस महीने का वितरण 21 से 30 नवंबर तक होगा। दिसंबर से सिर्फ सामान्य वितरण के तरह ही खाद्यान्न मिलेगा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लाकडाउन में यह योजना शुरू की गई थी। इस बार चावल के स्थान पर गेहूं की मात्रा बढ़ाकर दी जाएगी। -जासं