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मेरठ के इस सोते में है ऋषिकेश व बद्रीनाथ जैसे औषधीय गुण, जरा सा ध्‍यान देते तो आज पर्यटन स्थल होता Meerut News

मेरठ के गंगानगर एफ-ब्लॉक में गर्म पानी का स्रोत निकला था। बताते हैं कि इसमें ऋषिकेश व बद्रीनाथ जैसे औषधीय गुण पाए जाते थे अनदेखी के चलते ताला लगा दिया गया।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 02:15 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 02:15 PM (IST)
मेरठ के इस सोते में है ऋषिकेश व बद्रीनाथ जैसे औषधीय गुण, जरा सा ध्‍यान देते तो आज पर्यटन स्थल होता Meerut News
मेरठ के इस सोते में है ऋषिकेश व बद्रीनाथ जैसे औषधीय गुण, जरा सा ध्‍यान देते तो आज पर्यटन स्थल होता Meerut News
मेरठ, [विनय विश्वकर्मा]।ऋषिकेश व बद्रीनाथ जैसे औषधीय गुण रखने वाले गंगानगर में गर्म पानी के स्रोत सिस्टम की उदासीनता व उपेक्षा के कारण 21 वर्ष बाद भी गुमनाम हैं। 1998 में अटल सरकार के तत्कालीन कृषि केंद्रीय मंत्री सोमपाल शास्त्री ने बोरिंग का उद्घाटन किया था तो यहां गर्म पानी का स्रोत निकला। गर्म पानी से निकलने वाले औषधीय गुणों ने इस नलकूप को प्रदेश स्तर पर चर्चा में ला दिया था। पानी लेने आने वाली भीड़ का विवाद इतना बढ़ा कि एमडीए ने उसके एक साल बाद ही स्थायी तौर पर इसे बंद कर दिया। आज 21 वर्ष बीत जाने के बाद भी तमाम सरकारों से लेकर अधिकारियों ने कई बार जायजा लेकर इस स्रोत को संजीवनी देने की कोशिश की, लेकिन कामयाब न हो सके। सपा सरकार में सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने पर्यटन विभाग के अफसरों के साथ इस नलकूप का दौरा कर पत्र लिख था। इसी क्रम में कैंट विधायक ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
इस तरह मिला था औषधीय गुण का स्रोत
स्थानीय लोगों संजीव शर्मा, मुकेश शर्मा व संजय शर्मा के अनुसार 1996 में विश्व बैंक की सहायता से भूमि जल सर्वेक्षण बरेली जोन के नेतृत्व में पेयजल उपलब्धता के लिए गंगानगर एफ-ब्लॉक में चार स्थानों पर बोरिंग कराए गए थे। इसमें एक स्थान पर 778 मीटर पर बोरिंग किया गया। इससे निकला प्राकृतिक गर्म पानी ने सभी को हैरान कर दिया। यह गर्म पानी पीने के योग्य नहीं था, लेकिन औषधीय गुण भरपूर थे। लोगों के अनुसार गर्म पानी में दोगुना ठंडा पानी मिलाकर नहाने से शरीर के चर्म रोग ठीक होने लगे। यह गुण आसपास के जनपद के लोगों को भी पता चला।
विभाग जिम्मेदारी लेता तो आज होता बडा पर्यटन स्थल
विधिवत उदघाटन के बाद आसपास के जनपदों से बढ़ती भीड के कारण गर्म पानी के नलकूप पर विवाद इतना बढ गया कि कुछ माह बाद ही एमडीए ने इसे स्थायी तौर पर वेल्डिंग कराकर बंद कर दिया। अब स्थानीय लोगों ने पर्यटन अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से चालू करने की मांग रखी। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने इसके लिए पर्यटन विभाग को पत्र लिखा। पर्यटन विभाग ने हैंड ओवर करने का हवाला देकर नगर निगम के पाले में गेंद फेंक दी। नगर निगम ने पर्यटन संबंधी मामला बताकर वापस एमडीए को इसके लिए जिम्मेदार बताया। क्षेत्रीय कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने भी पर्यटन विभाग को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने फिर से चालू करने की बात कही। लोगों का स्पष्ट कहना है कि यदि आज पर्यटन विभाग के साथ सरकारी नुमाइंदे इसके लिए गंभीर होते तो आज मेरठ में पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होता और लोग घूमने के साथ-साथ चर्म रोगों का उपचार भी पाते।
गर्म पानी के नाम से मशहूर हो गई एफ-ब्लॉक की सड़क
गर्म पानी के स्रोत ने चर्चा में आने के बाद सिस्टम की उपेक्षा व उदासीनता के चलते बेशक दम तोड़ दिया हो लेकिन इसके आसपास का इलाका आज भी गर्म पानी रोड व गर्म पानी के पास की कॉलोनी आदि के नाम से मशहूर हो गया है। फिलहाल इस नलकूप को चारों ओर से गंदगी, झाड़ी व बड़े-बड़े पेड़ों ने पूरी तरह से ढक लिया है और बदहाली का आलम यह है कि यहां पैर रखना भी मुश्किल है। इस नलकूप के परिसर में कुछ दबंग लोगों ने कब्जा तक कर लिया है।
इन्‍होंने बताया
यदि इस तरह से कोई स्रोत निकला था तो उसके बारे में पूरी जानकारी जुटाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- अंजू चौधरी, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, मंडल हेड
पर्यटन विभाग के अधिकारियों से इस संबंध में गंभीरता से वार्ता की जाएगी। जो भी संभव हो सकेगा, प्रयास किया जाएगा।
- राजेंद्र अग्रवाल, सांसद, मेरठ-हापुड लोकसभा
मैंने कई बार पर्यटन विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखा है। बेशक वह एक बडा पर्यटन स्थल बन सकता है। अब मैं मुख्यमंत्री से भेंटकर कार्रवाई आगे बढाऊंगा।
- सत्यप्रकाश अग्रवाल, कैंट विधायक 

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