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Third Wave of Covid-19: कैसी भी लहर आए, मरीजों की जान बचाएगा मेरठ मेडिकल कालेज; बिंदुआर जानें तैयारी

Third Wave Of Covid-19 मेडिकल कैंपस में चार आक्सीजन प्लांट एवं फिलिंग स्टेशन बनाए जा चुके हैं। वहीं सितंबर तक तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बच्चों के लिए सौ बेडों का नया पीडियाट्रिक आइसीयू बना लिया गया है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 11:44 AM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 03:25 PM (IST)
Third Wave of Covid-19: कैसी भी लहर आए, मरीजों की जान बचाएगा मेरठ मेडिकल कालेज; बिंदुआर जानें तैयारी
मेरठ मेडिकल कॉलेज किसी भी लहर में मरीजों की जान बचाएगा।

जागरण संवाददाता, मेरठ। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में मेडिकल कालेज ने संक्रमण का भयावह लोड झेला। पश्चिम उप्र में सबसे बड़े एल-3 कोविड केंद्र के रूप में यहां पर गाजियाबाद, नोएडा, अमरोहा, बुलंदशहर, मुरादाबाद, बागपत से लेकर सहारनपुर तक के मरीज भर्ती किए गए। हालांकि स्थित गंभीर होने के बाद पड़ोसी जिलों से मरीज मेडिकल कालेज भेजे गए, इसीलिए दूसरी लहर में 40 फीसद से ज्यादा मरीजों की मौत हो गई। लेकिन अब प्रशासन ने अचूक तैयारी का दावा किया है। मेडिकल कैंपस में चार आक्सीजन प्लांट एवं फिलिंग स्टेशन बनाए जा चुके हैं। वहीं, सितंबर तक तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बच्चों के लिए सौ बेडों का नया पीडियाट्रिक आइसीयू बना लिया गया है।

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मेडिकल कालेज में पहला कोरोना मरीज 26 मार्च 2020 को भर्ती किया गया। एक अप्रैल को पहली मौत हुई। इसके बाद जून और सितंबर 2020 में संक्रमण की लहर तेज रही, और दो सौ से ज्यादा मरीजों की जान चली गई। दिसंबर 2020 में संक्रमण थम गया, लेकिन मार्च 2021 में दूसरी लहर आ गई। अप्रैल में 400 बेडों का कोविड वार्ड भर गया। रोजाना 10-15 मरीजों की मौत हुई। हालात बेकाबू हो गए। डाक्टरों एवं मेडिकल स्टाफ की लापरवाही भी सामने आई। प्रदेश सरकार के मंत्रियों से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों ने दौरा किया। मई तक मरीजों की मौत पर नियंत्रण नहीं लग सका। कई सप्ताह ऐसे गुजुरे, जब दो सौ से ज्यादा मरीजों की मौत हुई। माह के अंत में मौतों पर नियंत्रण किया जा सका।

जरूरत पड़ी तो पूरा मेडिकल बनेगा कोविड केंद्र

मेडिकल कालेज तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। संक्रमण ज्यादा हुआ तो 750 बेडों का अस्पताल कोविड केंद्र बना लिया जाएगा। दो आइसीयू बनाए गए हैं, जिसमें ढाई सौ बेड हैं। 68 वेंटिलेटरों को इस्तेमाल किया जा रहा है, और सौ से ज्यादा रखे गए हैं। वर्तमान में कोविड अस्पताल 400 बेडों का है, जहां सौ से ज्यादा डाक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई जाती है। तीसरी लहर से पहले कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 2डीजी, मोनोक्लोनल और प्लाज्मा थेरेपी का भी बंदोबस्त किया जा रहा है। 70 बेडों के इमरजेंसी वार्ड को कोरोना मरीजों के लिए ट्रायज एरिया के रूप में उपयोग किया जाएगा।

बच्चों के लिए 110 बेडों का वार्ड बना

कोरोना की तीसरी लहर को बच्चों के लिए घातक माना जा रहा है। प्रदेश सरकार ने मेडिकल कालेज में सौ बेडों का पीकू बनाने के लिए कहा। प्रशासन ने तेजी से अमल किया, और 15 करोड़ की लागत से 110 बेडों का पीकू बनाकर तैयार कर लिया गया। इसमें 20 से ज्यादा वेंटिलेटर और बाइपैप लगाया गया है। बाल रोग विभागाध्यक्ष डा. विजय जायसवाल ने बताया कि प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह समेत सभी वरिष्ठों ने पूरी मेहनत की। अगर बच्चों में संक्रमण बढ़ा तो उन्हेंं 50 बेडों वाले आइसीयू वार्ड में भर्ती किया जाएगा।

आक्सीजन से लबालब मेडिकल कालेज

दूसरी लहर के दौरान कई बार कोविड वार्ड में आक्सीजन की कमी हुई। पांच टन का फिलिंग सेंटर पहले से लगा था, जबकि छह टन की क्षमता का दूसरा फिलिंग प्लांट सेंटर भी बन चुका है। साथ ही एक हजार सिलेंडर क्षमता के दो आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिससे मेडिकल में भर्ती मरीजों की आवश्यकता से ज्यादा आक्सीजन कैंपस में पैदा होगी। अन्य अस्पतालों को भी सप्लाई दी जा सकती है।

ये है मेडिकल कालेज की तस्वीर

-अब तक कुल भर्ती मरीज-4519

-कोविड से कुल मौत-1010

-कुल कोविड बेड-400

-बच्चों के लिए-110 बेड का पीकू वार्ड

-कुल वेंटिलेटर-134

-मौत की दर-20 फीसद से लगातार ज्यादा

-लैब की जांच क्षमता-रोजाना 9000 सैंपल

मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश सरकार के निर्देश पर पीकू वार्ड बनकर तैयार है। सभी जरूरी उपकरण मंगवा लिए गए हैं। कैंपस में दो आक्सीजन जनरेशन प्लांट और दो फिलिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं। रेमडेसिविर समेत सभी जरूरी दवाएं भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं। स्टाफ पूरी तरह वैक्सीन ले चुका है। स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा चुका है। 


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