किन्नरों को भी समाज में इज्जत से जीने का हक है, लिहाजा उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा जाए
Discussion On Third Gender हिंदी कल्चरल सेंटर जापान के तत्वावधान में दो दिवसीय वेबिनार संपन्न। इस दौरान साहित्यकारों ने किन्नरों पर होने वाले अत्याचार और उनकी समस्याओं और जीवन से जुड़े अन्य गंभीर मसलों पर चर्चा की ।
शामली, जेएनएन। हिंदी कल्चरल सेंटर, जापान के तत्वावधान में हुए दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में देश-विदेश के दिग्गज साहित्यकारों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान साहित्यकारों ने किन्नरों पर होने वाले अत्याचार और उनकी समस्याओं और जीवन से जुड़े अन्य गंभीर मसलों पर चर्चा की।
बुधवार को थानाभवन क्षेत्र के गांव कादगरढ़ निवासी जापान हिंदी कल्चरल सेंटर की सदस्य डा. मोनिका शर्मा व अध्यक्ष डा. रमा शर्मा के संयुक्त निर्देशन में किन्नर विमर्श उपन्यासकारों का दो दिवसीय सम्मान समारोह संपन्न हो गया। मुख्य अतिथि खुशहालदास विश्वविद्यालय हनुमानगढ़ (राजस्थान) के कुलाधिपति दिनेश जुनेजा ने कहा कि किन्नरों को भी समाज में इज्जत से जीने का हक है, लिहाजा उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए।
साहित्यकार किन्नर विमर्श के माध्यम से उनकी पीड़ा, भेदभाव की समस्या और सामाजिक उत्थान को लेकर निरंतर कार्य कर रहे हैं।
गाजियाबाद के प्रोफेसर सुभाष अखिल, डा. राकेश शंकर भारती यूक्रेन, राजेश मलिक मुंबई, गिरिजा भारती, डा. प्रेम शंकर द्विवेदी, डा. हेमल, सुरेश मेहरा व प्रेरणा गौड़ ने किन्नरों के जीवन से जुड़े कई तथ्यों पर प्रकाश डाला। अध्यक्षीय भाषण डा. रमा शर्मा जापान ने दिया।
मुख्य अतिथि सिमरन ङ्क्षसह रहे। इनके जीवन पर कादरगढ़ निवासी साहित्यकार डा. मोनिका शर्मा ने उपन्यास भी लिखा है। इन्होंने किन्नरों पर होने वाले अत्याचार और उनके जीवन के गंभीर मसलों से रूबरू कराया।
उपन्यासकार महेंद्र भीष्म रजिस्ट्रार लखनऊ हाईकोर्ट, डा. मुक्ति कश्मीर, डा. लता अग्रवाल भोपाल, गीतिका वेदिका, हरभजन ङ्क्षसह मेहरोत्रा, डा. नीना शर्मा गुजरात ने भी किन्नर विमर्श में भाग लिया। मंच संचालन सुशील व सुनील चौधरी ने किया। बीआर चौधरी टीटी कालेज हनुमानगढ़ (राजस्थान) के प्राचार्य डा. राजपाल ने कहा कि किन्नर जीवन की समस्याओं को साहित्य के बाहर धरातल पर भी देखने की कोशिशें जारी हैं। इनको हरसंभव अधिकार मिलें, यहीं संदेश इस वेबिनार का रहा है। किन्नर विमर्श के साहित्यकारों को संस्था की ओर से आनलाइन प्रशस्ति पत्र भेजे गए।