मासूमों को नशे में बेसुध कर चलाते हैं भीख का धंधा
शहर के हर चौराहे पर अक्सर आठ से दस साल का बच्चा गाड़ी रुकते ही शीशे के करीब आकर भीख मागने लगता है। इसी तरह से गोद में बेसुध लेटे बच्चे को लेकर महिला भी उसको बीमार बताकर उपचार के लिए पैसों की गुहार लगाते हुए दिखती है।
मेरठ, जेएनएन। शहर के हर चौराहे पर अक्सर आठ से दस साल का बच्चा गाड़ी रुकते ही शीशे के करीब आकर भीख मागने लगता है। इसी तरह से गोद में बेसुध लेटे बच्चे को लेकर महिला भी उसको बीमार बताकर उपचार के लिए पैसों की गुहार लगाते हुए दिखती है। दरअसल, यह बच्चा बीमार नहीं होता है, बल्कि बच्चे को नशा देकर बेसुध कर दिया जाता है। तेजगढ़ी चौराहा, बेगमपुल, जीरोमाइल, रेलवे रोड, बिजली बंबा बाईपास और टैंक चौराहे पर आठ से दस साल के बच्चे या महिला गोद में लिए बच्चों के साथ भीख मागती दिखाई देगी। एएचटीयू थाने की पुलिस कई बार ऐसे बच्चों को पकड़ चुकी है। जाच में सामने आ चुका है कि बच्चों के पिता या अन्य लोग ठेके पर लेकर भीख मंगवाते हैं। बच्चों को देखकर कभी भी पुलिस की टीम भीख मंगवाने वाले सरगना तक नहीं पहुंची। बच्चे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर परिवार को सौंप दिए जाते हैं।
मां-बाप कुछ दूरी पर रहते हैं साथ
सोमवार को तेजगढ़ी पर गोद में एक साल के बच्चे को लेकर महिला खड़ी थी। उसके साथ ही तीन बच्चिया हाथ में गुब्बारे लिए हुए थे। तेजगढ़ी चौराहे पर रुकने वाली प्रत्येक गाड़ी के शीशे के पास पहुंचकर भीख मागने लगती हैं। बच्चिया पेट की ओर इशारा कर कहती हैं कि भूख लगी है। इतना ही नहीं शीशा नहीं खोलने पर कुछ गाड़ियों के पीछे भी भागती हैं। बच्ची ने पूछने पर बताया कि उसके मम्मी-पापा साथ हैं, जो चौराहे से कुछ दूरी पर रहकर वहीं से नजर बनाकर रखते हैं। बच्ची ने बताया कि दिन में पाच सौ से ज्यादा कमा लेती है। दूसरी बच्ची ने बताया कि उसके मम्मी-पापा की मौत हो गई। मामा के साथ रहती है। मामा ही उसे भीख मागने के लिए दबाव बनाता है। चौराहे और मुख्य बाजार में भीख मागने वाली महिलाओं और बच्चों को चिन्हित कराया जाएगा। एएचटीयू की तरफ से अभियान चलाकर बच्चों को उनके परिवार को चिन्हित किया जाएगा। ताकि बच्चों से भीख मंगवाने को कृत्य करने वालों को पकड़ा जा सके।
अनित कुमार, एसपी क्राइम
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चाइल्ड ट्रैफिकिंग कर बच्चों से भीख मंगवाने का हर बड़े शहरों में धंधा चल रहा है। यह अब मेरठ तक पहुंच गया है। चाइल्ड होम भी बच्चों का सही पालन पोषण नहीं कर पा रहे हैं। इसके चलते बच्चे नशे की जद में भी जा रहे हैं।
-अनीता राणा, अध्यक्ष चाइल्ड लाइन प्रभारी
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यहा भीख मागते हैं बच्चे
-मंदिर, मॉल के बाहर
-ट्रैफिक सिग्नल या चौराहों पर
-रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर
-विवाह समारोह के बाहर
-शहर के प्रमुख बाजारों में
-कार और आटो रुकने वाले चौराहे
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दिव्याग से भीख मंगवाकर रकम ले उड़ा शातिर युवक
विवि रोड पर झुग्गी में रहने वाले दिव्याग युवक ने आरोप लगाया कि दो सौ रुपये प्रतिदिन की दिहाड़ी पर युवक ने आठ माह तक भीख मंगवाई। उसके बाद रकम देने से इन्कार कर दिया। पीड़ित की तहरीर पर इंस्पेक्टर मेडिकल संत शरण सिंह ने बताया कि मामले की जाच की गई। पड़ताल में सामने आया कि दिव्याग रिक्शा पर बैठता था। उसके साथ युवक रिक्शा चलाता था। उसके बाद दिव्याग को दो सौ रुपये प्रति दिन दिए जाते थे। बाकी रकम युवक अपने साथ ले जाता था, जिस पर दिव्याग बैठकर चलता था, वह रिक्शा भी युवक ने ही तैयार कराई थी। दोनों ही विवि रोड पर झुग्गी में रहते हैं। आरोपित को पकड़ने के बाद ही पूरे तथ्य सामने आएंगे। आरोपित युवक के खिलाफ अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।