परिषदीय विद्यालयों में स्वच्छता पर बनाए गए ये नए नियम Meerut News
कोरोना महामारी को देखते हुए परिषदीय स्कूलों में स्वच्छता को प्राथमिकता में रखने के लिए नए नियम व दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं प्रदेश सरकार की ओर से प्राइमरी व जूनियर स्कूलों को एक कर बनाए गए कम अपोजिट विद्यालयों में स्वच्छता पर विशेष फोकस रखने को कहा।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना महामारी को देखते हुए परिषदीय स्कूलों में स्वच्छता को प्राथमिकता में रखने के लिए नए नियम व दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं प्रदेश सरकार की ओर से प्राइमरी व जूनियर स्कूलों को एक कर बनाए गए कम अपोजिट विद्यालयों में स्वच्छता पर विशेष फोकस रखने को कहा गया है इस कड़ी में कंप्यूटर विद्यालयों के लिए आवंटित धनराशि का 10 फीसद हिस्सा स्वच्छता को ही समर्पित करने के निर्देश दिए गए हैं जिससे स्कूल का माहौल स्वच्छ बना रहे और बच्चे स्कूल में स्वच्छता से संबंधित पहलुओं को देखकर आत्मसात कर सकें।
गत वर्षो की भांति इस वर्ष भी बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से कंपोजिट स्कूल ग्रांट जिलों को भेज दी गयी है। इसके साथ ही नए निर्देश भी भेज कर उनका अनुपालन करने को कहा गया है।
इस प्रकार है नए दिशानिर्देश
-आवंटित धनराशि का 10 फीसद स्वच्छता संबंधी कार्यों पर खर्च किया जाएगा। स्वच्छता मद में छात्र-छात्राओं की व्यक्तिगत एवं परिसर की स्वच्छता पर खर्च को प्रथम वरीयता दी जाएगी।
-कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए मल्टीपल हैंडवॉशिंग सिस्टम की व्यवस्था को द्वितीय वरीयता क्रम में पूर्ण कराया जाना अनिवार्य होगा।
- शौचालय एवं हैंड वॉश सिस्टम की क्रियाशीलता हेतु रनिंग वाटर की व्यवस्था को तृतीय वरीयता क्रम में सुनिश्चित कराएं।
- अक्रियाशील शौचालय, जिन्हें अति लघु मरम्मत से क्रियाशील कराया जा सकता है, उन्हें चतुर्थ वरीयता क्रम में क्रियाशील कराया जाना अनिवार्य होगा।
- स्कूल परिसर में स्वच्छता संदेश लिखवाया जाना।
- शिक्षण सहायक सामग्री हेतु प्रिंट रिच मैटेरियल विज्ञान किट, गणित किट, ग्लोब, मानचित्र इत्यादि का क्रय किया जाना एवं जिन विद्यालयों में अलमारी नहीं है वहां अनिवार्य रूप से अलमारी का क्रय किया जाएगा।
- अग्नि शमन यंत्र की रिफिलिंग निर्धारित तिथि पर कराई जाएगी।
- फर्स्ट एड बॉक्स में कोई दवा आदि एक्सपायर्ड न हो, यह सुनिश्चित कराएं।
- विद्यालय के अक्रियाशील उपकरणों की यथावश्यकता रिपेयरिंग/बदलवाया किया जाना।
- विज्ञान प्रयोगशाला/कम्प्यूटर शिक्षा से सम्बंधित उपकरणों का रखरखाव।
- अन्य कार्य विद्यालय की आवश्यकतानुसार एसएमसी से अनुमोदित कराकर कराए जा सकते हैं।
- विद्यालय की आवश्यकतानुसार उच्च गुणवत्तायुक्त सामग्री का ही क्रय किया जाए तथा यदि अन्य मद/योजना से कोई कार्य कराया जा चुका है या अनुमोदित है, तो ऐसे कार्य के लिए कम्पोजिट ग्राण्ट की धनराशि का उपयोग कदापि न किया जाए।
- यदि गत वर्ष की धनराशि खाते में अवशेष है, तो वर्तमान वर्ष की धनराशि के साथ संयुक्त कार्ययोजना बनाकर एसएमसी से अनुमोदित कराकर कार्य करा लिया जाए।
- धनराशि का नियमानुसार व्यय उपरांत एसएमसी अध्यक्ष और प्रधानाध्यापक के संयुक्त हस्ताक्षर से उपभोग प्रमाण पत्र खण्ड शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराया जाएगा।
-प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध कम्पोजिट ग्राण्ट डीएफसी पर विद्यालयवार, मदवार त्रुटिरहित सूचना संबंधित खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा अपलोड की जाएगी।