Dieticians advice in meerut: इनदिनों बढ़ गई है गर्मी, जानिए ऐसे में कितना काढ़ा लेना रहेगा फायदेमंद
मेरठ में डा. चिंकिता के अनुसार काढ़ा बनाने में उपयोग होने वाली सभी सामग्री की तासीर गर्म होती है। इसलिए अब काढ़े का एक दिन में कम सेवन करना चाहिए। अधिक सेवन से गैस की समस्या पेशाब और सीने में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
मेरठ, जेएनएन। Dieticians advice in meerut कोरोना काल में अधिकतर लोगों ने देसी नुस्खे आजमाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखा। पिछले एक साल से काढ़े का सेवन काफी बढ़ गया है। इस बार तो गर्मी में भी इसे खूब पीया गया। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के मामलों में कमी आ रही है। ऐसे में काढ़े का प्रयोग अब कितनी मात्रा में करना है, इसके बारे में बता रही हैं खानपान विशेषज्ञ डा. चिंकिता मलिक।
गर्म होती है तासीर
डा. चिंकिता के अनुसार काढ़ा बनाने में उपयोग होने वाली सभी सामग्री की तासीर गर्म होती है। इसलिए अब काढ़े का एक दिन में सिर्फ 30 एमएल ही सेवन करना चाहिए। अधिक सेवन से गैस की समस्या, पेशाब और सीने में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। काढ़ा पीना जरूरी हो तो एक बार में 15 एमएल ही लें। जिन लोगों को इस मौसम में भी सर्दी-खांसी, निमोनिया, जुकाम, सांस लेने में परेशानी या फिर कोविड से रिकवरी कर रहे हैं, वह दिन में 50 एमएल तक काढ़ा पी सकते हैं। हालांकि लंबे समय से लोग कोरोनाकाल में काढ़ा का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। यही नहीं योग के द्वारा कोरोना पर काबू के प्रयास यहां मेरठ में किए जा रहे हैं। कोरोनाकाल ने लोगों को सेहत और खानपान के प्रति जागरूक और सजग जरूर बना दिया है।
सेवन के बारे में यह भी जानें...
- सुबह जागने के एक घंटे बाद या फिर शाम को 4 से 5 बजे के बीच पी सकते हैं।
- खाली पेट काढ़ा न पीएं, इससे पेट में जलन भी हो सकती है। इसका सेवन नाश्ते के बाद करें।
- इस मौसम में सामान्य लोग 30 एमएल और मरीज 50 एमएल ही काढ़े का सेवन करें।
- गर्मी में काली मिर्च, लौंग और अदरक की सीमित मात्रा ही काढ़े में डालें।
- काढ़े में शहद जरूर मिलाएं, यह जलन और गैस को कम करेगा।
- मधुमेह के मरीज काढ़े में शहद और मुलेठी का इस्तेमाल न करें।