दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर कोहरे में सचेत करेंगे ये इंतजाम
कोहरे में सड़क स्पष्ट नहीं दे तो वाहन धीमी गति से चलाना चाहिए। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर वाहन चालकों की सहायता के लिए तरह-तरह के संकेतक लगाए गए हैं। इनका ध्यान रखने से यात्रा को सुरक्षित बनाया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, मेरठ : कोहरे का समय आ गया है। ऐसे में अब वाहन चालकों को खास सतर्कता जरूरी है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर 100 की गति से फर्राटा भरते वाहनों के बीच खुद के वाहन पर नियंत्रण भी रखना है और कोहरे के कारण होने वाली गलती से बचना भी है। यदि कोहरे में सड़क स्पष्ट नहीं दिखाई दे रही है तो वाहन धीमी गति से चलाएं। एक्सप्रेस-वे पर लगे संकेतकों को देखें। इससे आप लेन से भटकेंगे नहीं। वाहन चालकों की सहायता के लिए तरह-तरह के संकेतक लगाए गए हैं।
इन संकेतकों को समझें, ये दुर्घटना से बचाएंगे
डेलीनेटर : ये सफेद रंग के डंडे की तरह लगाए गए हैं। अंधेरा होने पर ये चमकते हैं। जब वाहन की रोशनी पड़ती है तो इससे पता चलता है कि एक्सप्रेसवे का किनारा कितनी दूर है। क्योंकि सबसे किनारे क्रैश बैरियर के ऊपर लगाए गए हैं।
रेफ्लेक्टर : पीले रंग के रेफ्लेक्टर क्रैश बैरियर के ऊपर लगाए गए हैं। ये भी अंधेरा होने पर चमकते हैं और वाहन की रोशनी पड़ने पर ज्यादा चमकते हैं।
सेफ्रान : एक्सप्रेस-वे पर सभी घुमाव वाले स्थान पर लगाए गए हैं। केसरिया रंग के रिफ्लेक्टर के बीच में काले रंग का तीर की तरह आकृति बनी होती है। इससे संकेत मिलता है कि वाहन को बाएं मोड़ना है या दाएं।
रेडियम पट्टी : किनारे की तरफ क्रैश बैरियर के नीचे रेडियम की पट्टी लगाई गई है। वाहन की रोशनी पड़ने पर ये चमकते हैं। इससे वाहन क्रैश बैरियर से टकराने से बच जाते हैं।
कैट आइ : सभी घुमाव वाले स्थान, उतरने या चढ़ने वाले प्वाइंट, लूप पर कई आइ लगाए गए हैं। ये भी वाहन की रोशनी पड़ने पर चमकते हैं। साथ ही इसकी मदद से लेन का पता चलता है।
सफेद पट्टी : एक्सप्रेस-वे पर तीन लेन हैं और किनारे की तरफ शोल्डर। इन सभी को सफेद पट्टी से अलग किया गया है। वाहन अपनी लेन में चलें इसलिए ये पट्टी अंधेरे में वाहन की रोशनी पड़ने पर चमकती हैं। इससे वाहन अपनी लेन से भटकते नहीं हैं। सेफ्रान घुमाव वाले स्थान पर लगे हैं, ताकि पता चले कि वाहन किस तरफ मोड़ना है।