ये अंग्रेजों के जमाने के पुल हैं.. जरा बचकर निकलें
अगर गंगनगर के पुलों से गुजर रहे हैं तो सावधानी बरतें। खुद को बचाने के साथ-साथ पुल से भी बचकर चलें। भारी वाहन या वजन लेकर निकलने से बचें। कई वाहन गुजर रहा है तो थोड़ी प्रतीक्षा करें और पुल खाली होने के बाद ही इसका प्रयोग करें।
मेरठ, जेएनएन। अगर गंगनगर के पुलों से गुजर रहे हैं तो सावधानी बरतें। खुद को बचाने के साथ-साथ पुल से भी बचकर चलें। भारी वाहन या वजन लेकर निकलने से बचें। कई वाहन गुजर रहा है तो थोड़ी प्रतीक्षा करें और पुल खाली होने के बाद ही इसका प्रयोग करें। अंग्रेजों के जमाने में लगभग 165 साल पहले बने ये सभी पुल जर्जर हैं। वाहनों के भारी दबाव से इनके ढहने का खतरा लगातार बढ़ रहा है, लिहाजा कोई अनहोनी भी हो सकती है। इनकी जगह प्रस्तावित नए पुल एक साल से पहले नहीं तैयार हो सकेंगे।
इन पुलों की जगह नए पुल बनवा रहा सेतु निगम
1. सिवालखास-मोहिउद्दीनपुर रोड के पुल पर वाहनों का भारी दबाव रहता है। इस पुल को जल्द बनवाने की शासन ने स्वीकृति दी है। निर्माण कार्य जारी है। अगस्त 2022 तक तैयार करने का लक्ष्य है।
2. भोला झाल पर भोला-खड़ोली मार्ग के पुल पर भी वाहनों का काफी दबाव है। बिजली लाइन की शिफ्टिग के चलते इसका कार्य शुरू नहीं हुआ है। मार्च 2023 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है।
3. सरधना-दौराला मार्ग पुल पर दिन-रात वाहन गुजरते हैं। निर्माण कार्य जारी है। इसे अगस्त 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
नानू पुल बना रहा एनएचएआइ, रुका है काम
मेरठ-शामली-करनाल मार्ग के लिए महत्वपूर्ण नानू पुल पर सर्वाधिक दबाव रहता है। इस पर भारी वाहन न चलाने का चेतावनी बोर्ड तीन साल पहले बोर्ड लग गया था। मेरठ-करनाल मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा मिला तो इस पर पुल बनाने की जिम्मेदारी एनएचएआइ को दी गई। छह माह से इसका कार्य बंद है।
गंगनहर पर मेरठ जिले में सेतु निगम को तीन पुल बनवाने हैं। दो का कार्य शुरू हो गया है। एक पुल का कार्य बिजली लाइन शिफ्टिंग के बाद शुरू होगा।
- केवी सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर, सेतु निगम
वाहनों के भारी दबाव के मद्देनजर फिलहाल तीन पुलों का निर्माण प्रस्तावित है। तीन पुल सेतु निगम बना रहा है जबकि एक पुल एनएचएआइ को बनाना है। चारों पुलों पर वाहनों का भारी दबाव रहता है, इसलिए इनका चयन किया था।
- नीरज लांबा, अधिशासी अभियंता, सिचाई विभाग
लगता है जाम, होती हैं दरु्घटनाएं
गंग नहर पर बने दशकों पुराने जर्जर पुल की वजह से यहां जाम लगता रहता है। क्योंकि वाहनों की कतार लंबी होती है और पुल की चौड़ाई कम है। वर्षों पहले ये पुल इस हिसाब से तो बने नहीं थे कि कभी इन पर बस व ट्रक भी दिन रात गुजरेंगे। पुल संकरे होने के कारण पहले एक तरफ के वाहन निकलते हैं तो फिर दूसरी तरफ के। जब बिना रुके वाहन पहुंच जाते हैं तो बीच पुल पर फंस जाते हैं। वहीं इन जर्जर पुलों की वजह से कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। कई पुलों की दीवार टूट गई है।