नकली बल्लों के लिए माह भर हुई थी जासूसी
फरीदाबाद और पंचकुला में सर्वे-जांच के दौरान नकली बल्ले पकड़ गए थे। उसके बाद एक महीने तक ब्रांड प्रोटेक्टर्स इंडिया प्रा. लि. के डिटेक्टिव ने सुरागरसी की थी। पूरा मामला सामने आने के बाद पुलिस की टीम को लेकर छापा मारा गया।
मेरठ, जेएनएन : फरीदाबाद और पंचकुला में सर्वे-जांच के दौरान नकली बल्ले पकड़ गए थे। उसके बाद एक महीने तक ब्रांड प्रोटेक्टर्स इंडिया प्रा. लि. के डिटेक्टिव ने सुरागरसी की थी। पूरा मामला सामने आने के बाद पुलिस की टीम को लेकर छापा मारा गया। फैक्ट्री मालिक समेत दो लोगों को मौके से पकड़ने के बाद नकली बल्ले बरामद कर पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया।
ब्रांड प्रोटेक्टर्स इंडिया प्रा.लि. गुरुग्राम की कंपनी है, जो 18 बड़ी ब्रांडेड कंपनियों के लिए काम करती है। कंपनी का काम बाजार में सप्लाई होने वाले नकली माल को पकड़ना है। कंपनी के निदेशक धीरेंद्र ने बताया कि एक माह पहले हुए सर्वे के दौरान फरीदाबाद और पंचकूला में नकली बल्ले पकड़े गए थे, जिनपर एसजी का स्टीकर लगा था। तभी पता चला कि उक्त माल मेरठ से सप्लाई हो रहा है। उसके बाद जानकारी में आया कि हैदराबाद, मुंबई, पटना और पूना में भी स्टीकर लगे बल्ले की सप्लाई दी जा रही थी। तभी मेरठ में सुरागरसी के लिए डिटेक्टिव लगाए गए। पड़ताल में सामने आया कि मोहकमपुर में बल्ले बनाकर ब्रांडेड कंपनी के स्टीकर लगाए जा रहे है। तभी कंपनी के निदेशक ने एसएसपी से बात की। सभी साक्ष्य भी अफसरों के सामने पेश किए। उसके बाद ही कप्तान ने टीपीनगर थाने की टीम बनाकर छापामारी कराई।
-------------------- 40 फीसद कम कीमत
में नकली बल्ले
लकड़ी से बल्ला तैयार करने के बाद एसजी का स्टीकर लगाते थे। उसके बाद देश के कई बड़े शहरों में 40 फीसद कम रेट पर बल्ले की बिक्री की जाती थी। फैक्ट्री स्वामी राजू का कहना है कि दुकानदारों को भी एसजी की कॉपी बताकर माल बेचा जाता था। ज्यादातर बड़े शहरों में मॉल की ऑनलाइन सप्लाई दी जाती थी। ट्रांसपोर्ट के जरिये मेरठ से माल विभिन्न शहरों में भेज दिया जाता था। फर्म स्वामी से रकम अपने निजी खातों में स्थानांतरण करा ली जाती थी। हालांकि ज्यादातर माल की बिक्री कैश में होती थी।
------------------- ये हैं नकली के नुकसान
1. नकली बल्ले की बिक्री में जीएसटी न देकर सरकार को चूना लगाया जा रहा है।
2. नकली स्टीकर लगाकर बिक्री करने से एसजी की साख पर भी इसका प्रभाव पड़ा, क्योंकि नकली बल्ला ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाता। साथ ही उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
3. नकली बल्ला खरीदने के दौरान ग्राहक को पूरी रकम चुकानी पड़ती है।
-------------------- ये है घटनाक्रम
ब्रांड प्रोटेक्टर्स इंडिया प्रा.लि. गुरुग्राम के निदेशक धीरेंद्र ने बताया कि सर्वे में सामने आया कि ब्रांडेड कंपनी एसजी के नकली बल्ले मेरठ के टीपीनगर स्थित मोहकमपुर कांप्लेक्स में चल रही एसडी स्पोर्ट्स फैक्ट्री में तैयार हो रहे हैं। एक महीने की सुरागरसी के बाद टीपीनगर पुलिस की टीम को साथ लेकर छापा मारा गया। यहां से दो बोरो में अस्सी बल्ले बरामद हुए। साथ ही 160 एसजी के स्टीकर भी बरामद किए। पकड़े गए माल की कीमत तीन लाख बताई गई। एसओ निदेश चंद्र ने बताया कि फैक्ट्री मालिक राजू सैनी निवासी शिवपुरम चांदना चौक टीपीनगर और निरंकार निवासी फतेहपुर निवाड़ी गाजियाबाद दोनों मिलकर नकली बल्ले बनाकर सप्लाई कर रहे थे। फैक्ट्री में करीब 12 से 15 कर्मचारी काम करते थे। पुलिस ने दोनों के खिलाफ 63 कॉपीराइट् एक्ट में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भ्ेाज दिया।
-------------------- वर्जन..
टीपीनगर में नकली कंपनी एक गोदाम के अंदर चल रही थी। कंपनी के कर्मचारियों के साथ पुलिस ने दो आरोपितों को पकड़कर उनके खिलाफ 63 कॉपीराइट एक्ट में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया है।
- अजय साहनी, एसएसपी