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..फिर सपने में ही रह जाएगी उड़ान, बजट में जिक्र तक नहीं

मेरठ से हवाई यात्रा के दावे तो छह साल से किए जा रहे हैं लेकिन दो दिन पहले ही प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नंद किशोर गुप्ता नंदी ने मेरठ पहुंचकर सभी बाधाएं दूर कर लिए जाने और जल्द मेरठ से 19 सीटर विमान और एयर टैक्सी उड़ाने का दावा किया था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 07:37 AM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 07:37 AM (IST)
..फिर सपने में ही रह जाएगी उड़ान, बजट में जिक्र तक नहीं
..फिर सपने में ही रह जाएगी उड़ान, बजट में जिक्र तक नहीं

मेरठ, जेएनएन। मेरठ से हवाई यात्रा के दावे तो छह साल से किए जा रहे हैं लेकिन दो दिन पहले ही प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नंद किशोर गुप्ता नंदी ने मेरठ पहुंचकर सभी बाधाएं दूर कर लिए जाने और जल्द मेरठ से 19 सीटर विमान और एयर टैक्सी उड़ाने का दावा किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का मसौदा मुख्यमंत्री को भेजा गया है, लेकिन जब कथनी और करनी को परखने का वक्त आया तो हर वर्ष की तरह इस बार भी मेरठ से उड़ान को बजट भाषण में जगह तक नहीं दी गई।

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बजट में अयोध्या और जेवर एयरपोर्ट के मद में तो पैसा दिया गया लेकिन मेरठ का जिक्र तक नहीं हुआ। सरकार को यदि मेरठ से फिलहाल 19 सीटर विमान की ही सुविधा शुरू करनी थी तो उसके लिए सुरक्षा और तमाम व्यवस्थाओं के लिए बजट देना था। जो कि नहीं किया गया। इससे अंदेशा बढ़ता है कि मेरठ से हवाई यात्रा अभी सरकार की प्राथमिकता में शामिल नहीं है।

अधिग्रहण का प्रस्ताव तैयार तो पैसा क्यों नहीं दिया

नागरिक उड्डयन मंत्री और निदेशक दोनों ने दावा किया था कि बड़े विमान उड़ाने के लिए हवाई पट्टंी के विस्तार के लिए आवश्यक भूमि के अधिग्रहण का प्रस्ताव तैयार करके मुख्यमंत्री के पास भेजा गया है। अब सवाल यह है कि जब अधिग्रहण का प्रस्ताव तैयार है तो उसके लिए भले ही एक रुपया ही सही लेकिन सरकार को बजट में प्रविधान जरूर करना था।

19 सीटर में आम आदमी कैसे उड़ेगा

केंद्र सरकार की उड़ान योजना क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए अहम है। इसके तहत आम जनता को बड़े शहरों के बीच डेढ़ घंटा तक की दूरी की हवाई यात्रा अधिकतम तीन हजार रुपये के खर्च पर उपलब्ध कराए जाने का वादा केंद्र सरकार कर चुकी है। लेकिन 19 सीटर विमान में आम आदमी को तीन हजार रुपये में यात्रा कराना मुमकिन संभव नहीं।

जमीन के रेट बढ़ेंगे और कुछ नहीं

19 सीटर विमान की सेवा भले ही ज्यादा समय तक न चले लेकिन एक बार हवाई यात्रा शुरू होते ही इस क्षेत्र की जमीनों के रेट आसमान छूने लगेंगे और सरकार को हवाई पट्टंी के विस्तार के लिए भी जमीन मिल पाना मुश्किल हो जाएगा।

नगरीय सुविधा के लिए भी कुछ खास नहीं

प्रदेश सरकार के बजट में मेरठ अपनी नगरीय जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसा खोजेगा तो उसका हाथ खाली ही निकलेगा। मेरठ की सबसे बड़ी समस्या कूड़ा निस्तारण की है। काफी बातें हुई, लेकिन भारी भरकम बजट वाले कूड़ा निस्तारण प्लांट पर कोई गंभीरता प्रदेश सरकार की ओर से नहीं दिखाई गई। कहने को राज्य स्मार्ट सिटी के लिए कुछ बजट मिलेगा, लेकिन वह जरूरतों के सामने ऊंट के मुंह में जीरा समान ही होगा। इसके साथ ही जिले के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा ने नाले को पाटने का निर्देश डेढ़ वर्ष पहले दिया था, लेकिन अभी तक इस पर भी कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई। इस बजट में भी मेरठ का हाथ खाली रह गया।


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