तत्कालीन डीएसओ पर नौकरी के नाम पर छह लाख हड़पने का आरोप, कोर्ट ने बागपत सीओ को दिए जांच के आदेश
अधिवक्ता आरिफ बेग के मुताबिक बागपत निवासी आकिल ने अदालत में दाखिल अर्जी में अवगत कराया कि वह चार साल से जिला पूर्ति कार्यालय में प्राइवेट तौर पर चपरासी थे। आरोप है कि तत्कालीन जिला पूर्ति अधिकारी ने संविदा पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर उनसे छह लाख रुपये मांगे।
बागपत, जागरण संवाददाता। संविदा पर नौकरी लगवाने के नाम पर तत्कालीन डीएसओ पर छह लाख रुपये हड़पने का आरोप लगा है। मुकदमा दर्ज कराने के लिए दाखिल अर्जी पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बागपत सीओ को मामले की जांच के आदेश दिए हंै।
यह है मामला
अधिवक्ता आरिफ बेग के मुताबिक, बागपत नगर निवासी आकिल राजपूत ने अदालत में दाखिल अर्जी में अवगत कराया कि वह चार साल से जिला पूर्ति कार्यालय में प्राइवेट तौर पर चपरासी थे। आरोप है कि तत्कालीन जिला पूर्ति अधिकारी अभय प्रताप सिंह ने संविदा पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर उनसे छह लाख रुपये मांगे। उन्होंने 1.88 लाख रुपये उपलब्ध कराए गए बैंक खातों में डलवाए। दो लाख रुपये आरोपित डीएसओ को कार्यालय में तथा 2.12 लाख रुपये कार्यालय के एक कर्मचारी को दिए थे।
इसके बाद उन्हें संविदा कर्मचारी का आइडी कार्ड दे दिया गया। कार्यालय से जुड़े वाट्एसप ग्रुप में भी शामिल कर लिया। करीब एक साल पूर्व बुलंदशहर में ट्रांसफर होने पर पीडि़त ने आरोपित डीएसओ से नियुक्त-पत्र देने की मांग की। नियुक्ति पत्र न मिलने पर छह लाख रुपये वापस मांगे तो आरोपित ने अभद्र व्यवहार करते हुए केस में झूठा फंसाने की धमकी दी।
अधिवक्ता के मुताबिक, सीजेएम प्रीति सिंह की अदालत ने अर्जी पर सुनवाई करते हुए बागपत सीओ को पूरे मामले की जांच कर 25 नवंबर तक रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। अधिवक्ता के मुताबिक आरोपित डीएसओ पर दूसरे जनपद में भी संगीन आरोप लग चुके हैं।
इन्होंने कहा
इस संबंध में अभी अदालत का आदेश नहीं मिला है। आदेशानुसार कार्रवाई की जाएगी।
-अनुज मिश्र, सीओ बागपत
आकिल ने उनके नाम के फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। कोटेदारों से अवैध वसूली की शिकायत मिलने पर आकिल को कार्यालय से निकाल दिया गया था। आरोपित युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस से शिकायत की है। युवक द्वारा लगाएगए आरोप निराधार हैं।
-अभय प्रताप सिंह, तत्कालीन डीएसओ