भूमिगत स्टेशन भैंसाली में ऊपरी छत डालने का कार्य शुरू
रैपिड रेल कारिडोर के भैंसाली भूमिगत स्टेशन की ऊपरी छत का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। छत के लिए दो मीटर की मोटाई के लोहे का जाल बनाया गया। अब उसमें कंक्रीट भरी जा रही है। यह छत लगभग 22 मीटर लंबी व 33 मीटर चौड़ी है।
मेरठ, जेएनएन। रैपिड रेल कारिडोर के भैंसाली भूमिगत स्टेशन की ऊपरी छत का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। छत के लिए दो मीटर की मोटाई के लोहे का जाल बनाया गया। अब उसमें कंक्रीट भरी जा रही है। यह छत लगभग 22 मीटर लंबी व 33 मीटर चौड़ी है।
भैंसाली के भूमिगत स्टेशन के निर्माण के लिए 128 डी-वाल को मिलाकर बाहरी दीवार का निर्माण कर लिया गया है, उसी के ऊपर यह छत डाली जा रही है। ऊपरी छत के निर्माण कार्य के पूरा होने के बाद लगभग 257 मीटर लंबे और 32 मीटर चौड़े भूमिगत स्टेशन का कार्य अगले चरण में पहुंच जाएगा। गौरतलब है इस स्टेशन का उपयोग मेरठ मेट्रो के लिए किया जाएगा। इस स्टेशन पर रैपिड रेल नहीं रुकेगी।
टाप डाउन तकनीक से हो रहा है निर्माण
भैंसाली भूमिगत स्टेशन के निर्माण कार्य के लिए टाप डाउन तकनीक अपनाई गई है। इसमें ऊपरी छत के निर्माण कार्य के बाद नीचे की मिट्टी आदि निकाल कर स्टेशन के कानकोर्स लेवल का निर्माण जाएगा और उसके लिए भी छत बनाई जाएगी। कानकोर्स लेवल यानी टिकट काउंटर वाला हिस्सा। इसके बाद आता है प्लेटफार्म लेवल। कानकोर्स तल का निर्माण पूर्ण होने के बाद और गहराई में मिट्टी की खोदाई करके प्लेटफार्म तल का निर्माण किया जाएगा।
कसेरूखेड़ा नाले के किनारे हुई बैरिकेडिंग
मेरठ : कसेरूखेड़ा नाले के किनारे मवाना रोड पुल के पास अब कचरा नहीं फेंका जा सकेगा। नगर निगम ने इसके लिए बैरिकेडिग शुरू कर दी है। सीमेंट के पोल गाड़कर तारबंदी कर दी जाएगी। यहां पर लोग कचरा फेंक दिया करते थे, जबकि यह डंपिग ग्राउंड नहीं है।
दैनिक जागरण के स्वच्छ मेरठ स्वस्थ मेरठ अभियान के तहत इस मुद्दे को उठाया गया था। उसी पर सहायक नगर आयुक्त इंद्र विजय ने निर्माण अनुभाग को इसके लिए निर्देश दिया था। इसके साथ उन्होंने वहां से कूड़ा भी उठवा दिया था। कूड़ा फेंकने वालों पर जुर्माना भी किया गया था। निर्माण अनुभाग के अवर अभियंता अनुज कुमार ने बताया कि बैरिकेडिग का कार्य शुरू कर दिया गया है।