व्यापारी पुत्र से दारोगा ने की अभद्रता, लाइन हाजिर
फैक्ट्री से बाहर सोफे रखने पर दारोगा और व्यापारी पुत्र के बीच विवाद हो गया।
मेरठ, जेएनएन। फैक्ट्री से बाहर सोफे रखने पर दारोगा और व्यापारी पुत्र के बीच विवाद हो गया। आरोप है कि पुलिस ने उससे हाथापाई की। शर्ट तक फाड़ दी। व्यापारियों ने पहले सीओ कार्यालय पर हंगामा किया। इसके बाद एसएसपी आफिस पर धरने पर बैठ गए। एसपी क्राइम ने जांच सीओ सिविल लाइन को सौंप दी। वहीं, दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया गया।
नौचंदी थाना क्षेत्र के जयदेवी नगर निवासी संजीव प्रधान की मंगल पांडेय नगर में सोफे बनाने की फैक्ट्री है। वह भाजपा के ओबीसी मोर्चा के महानगर अध्यक्ष भी हैं। बुधवार को फैक्ट्री में उनका बेटा नवोदित मौजूद था। गाड़ी में माल लोड करने के लिए सोफे बाहर सड़क किनारे रखे हुए थे। इस दौरान मेडिकल थाना प्रभारी, एक दारोगा और दो सिपाही पहुंच गए। संजीव प्रधान ने बताया कि थाना प्रभारी ने पहले कैमरों की जांच की तो तीन में से दो चलते मिले। इसके बाद सामान सड़क पर रखे होने पर दारोगा विष्णु ने चालान काटने के लिए कहा। युवक ने पिता को बुलाने की बात कही। इस पर दोनों में कहासुनी हो गई। आरोप है कि दारोगा और सिपाहियों ने अभद्रता की। मामला बढ़ने पर पुलिसकर्मी चले गए। सूचना पर बड़ी संख्या में व्यापारी पहुंच गए। पहले वह सीओ सिविल लाइन कार्यालय पहुंचे। आधा घंटे इंतजार के बाद भी जब वह नहीं आए तो एसएसपी कार्यालय पहुंचे। यहां पर व्यापारी धरने पर बैठ गए। एसपी क्राइम राम अर्ज ने सीओ सिविल लाइन को मामले की जांच सौंपते हुए दो दिन में रिपोर्ट मांगी है। सीओ देवेश कुमार ने बताया कि दारोगा विष्णु को लाइन हाजिर कर दिया गया है। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।
महीना बांधने का लगाया आरोप
संजीव प्रधान ने बताया कि उनकी फैक्ट्री करीब 12 साल से चल रही है। माल अंदर ही बनाया जाता है। गाड़ी में लोड करने के लिए सड़क किनारे रखा जाता है। दारोगा महीना बांधने के चक्कर में था, इसलिए चालान काटने की बात कह रहा था। जबरन बेटे से चालान के कागजात पर हस्ताक्षर भी करा लिए थे। पुलिस ने पूरी गुंडागर्दी की थी। उसने परिचय दिया, तो उल्टा-सीधा बोलने लगा।