शरारती तत्वों ने नया शिवलिग स्थापित किया, श्रद्धालुओं ने रोष जताया तो पुलिस ने हटवाया
हस्तिनापुर में महाभारत कालीन ऐतिहासिक नगरी में पांडेश्वर मंदिर में स्थापित प्राचीन शिवलिंग के ऊपर शरारती तत्वों ने नया शिवलिग स्थापित कर दिया।
मेरठ, जेएनएन। हस्तिनापुर में महाभारत कालीन ऐतिहासिक नगरी में पांडेश्वर मंदिर में स्थापित प्राचीन शिवलिंग के ऊपर शरारती तत्वों ने नया शिवलिग स्थापित कर दिया। मंगलवार सुबह सैकड़ों श्रद्धालु एकत्र हो गए और रोष जताया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने नए शिवलिग को हटवाकर अन्यत्र स्थान पर रखवा दिया।
प्राचीन पांडेश्वर मंदिर महाभारत कालीन धरोहर है। प्रतिदिन काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए यहां पहुंचते हैं। इस मंदिर परिसर में स्थापित शिवलिंग महाभारत कालीन बताया जाता है। किवदंती है कि पांच पांडवों ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के लिए इस शिवलिग की स्थापना की थी। मंगलवार सुबह मंदिर में स्थापित पौराणिक शिवलिग के स्थान पर नया शिवलिग देखकर श्रद्धालु चौंक गए। जिससे पौराणिक शिवलिग दिखाई देना बंद हो गया। इसके बाद श्रद्धालु मंदिर पर एकत्र हो गए और रोष जताया। मंदिर के महंत मंगलानंद गिरी ने बताया कि अराजक तत्वों द्वारा यह कृत्य किया गया है। थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह का कहना है कि मामला संदिग्ध है, जांच की जा रही है।
शोभित विवि के असिस्टेंट प्रोफेसर व नेचुरल साइंसेज ट्रस्ट के चेयरमैन प्रियंक भारती का कहना है कि पांडेश्वर मंदिर में शिवलिग की प्राचीनता को समाप्त करने का कृत्य गलत है। एएसआइ (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि 100 वर्ष से ऊपर की प्राचीन एवं महत्वपूर्ण धरोहर को संरक्षित करें।
उधर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद डीबी गणनायक ने कहा कि पांडव टीले की सौ मीटर की परिधि के अंतर्गत बिना पूर्वानुमति कोई भी निर्माण कार्य या परिवर्तन नहीं हो सकता। नोटिस देकर कार्रवाई कराई जाएगी।