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मेरठ में देररात विवाह मंडप की घटना ने खोली पुलिस की पोल, वारदातों के बाद भी सब नजरअंदाज

Ruckus In Meerut दिल्ली-देहरादून बाईपास पर चढ़त के दौरान जमकर आतिशबाजी हो रही थी। उसके पतंगे ही बराबर वाले रिजार्ट में पहुंच गए थे जहां से विवाद शुरू हुआ। इसके बाद तो मारपीट-तोडफ़ोड़ से लेकर जमकर हुड़दंग हुआ। पहले भी क्षेत्र में घटनाएं हो चुकी हैं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 10:20 AM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 10:20 AM (IST)
मेरठ में देररात विवाह मंडप की घटना ने खोली पुलिस की पोल, वारदातों के बाद भी सब नजरअंदाज
सुरक्षा के प्रबंध का दावा और मंडपों को नसीहत का नहीं कोई असर।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Ruckus In Meerut सोमवार रात शादी समारोह के दौरान हुई घटना कोई पहली मर्तबा नहीं है। इससे पहले भी मारपीट और हर्ष फायरिंग के कई मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि इस बार मामला कुछ अलग हैं, लेकिन मंडप में ऐसी वारदात होना भी बड़ी घटना है। जिस तरह से हमला हुआ और गोली चली, उसमें कई लोगों के जान पर संकट आ गया था। कहने को ऐसी कुछ घटनाओं में कार्रवाई होती है, लेकिन फिर सब कुछ पुराने ढर्रे पर आ जाता है। न तो मंडप स्वामी रोक-टोक करते हैं और न ही पुलिस की ही कोई सख्ती नजर आती है।

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कई पहलुओं की जांच

दिल्ली-देहरादून बाईपास पर चढ़त के दौरान जमकर आतिशबाजी हो रही थी। उसके पतंगे ही बराबर वाले रिजार्ट में पहुंच गए थे, जहां से विवाद शुरू हुआ। इसके बाद तो मारपीट-तोडफ़ोड़ से लेकर जमकर हुड़दंग हुआ। रिटायर्ड फौजी अपनी ही रिवाल्वर से घायल हो गया। देर रात तक उनका आपरेशन चल रहा था। सवाल यह भी है कि कहीं गोली किसी ओर को भी लग सकती थी। इस बारे में पुलिस का कहना है कि अभी तक यह नहीं पता चला है कि रिवाल्वर का लाइसेंस है या नहीं। इसकी भी जांच की जा रही है। इनके अलावा अन्य लोगों के बारे में भी पता लगया जा रहा है, जो मारपीट-तोडफ़ोड़ में शामिल रहे हैं। सीसीटीवी की फुटेज के आधार पर भी कार्रवाई की जाएगी।

लाखों का तामझाम, सुरक्षा शून्य

ग्रैंड ड्रीम्स विवाह मंडप में सोमवार की रात हमले के बाद काफी देर तक सहमे लोगों ने मंडप संचालकों और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ रोष भी जताया। उनका कहना था कि मंडप में इंतजाम के नाम पर 40-50 लाख रुपये तक वसूले जाते हैं, लेकिन सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं। आज की घटना ने सब पोल खोल दी। जिस तरह से हमला हुआ, गोली चली वह साबित करता है कि न तो यहां कोई सुरक्षा का इंतजाम है और न ही पुलिस-प्रशासन की ही कोई व्यवस्था। मारपीट, तोडफ़ोड़, गोली चली, उसके बाद पुलिस पहुंची। जबकि बाईपास पर तो ऐसे दिनों में लगातार गश्त होनी चाहिए थी। अगर पुलिस मौजूद होती और सड़क पर आतिशबाजी न होने दी जाती तो यह हालात ही न पैदा होते। लेकिन सुरक्षा के नाम पर, व्यवस्था के नाम पर पुलिस भी बस खानापूरी ही करती है। जाम रूकता है न इस तरह की घटनाएं। हर बार सांप के मरने के बाद लकीर पीटी जाती है।

फेरे घर पर करने की जिद

ग्रांड ड्रीम्स रिजार्ट में विवाद के बाद लड़का और लड़की पक्ष ने फेरे घर पर करने की जिद की। हालांकि रिजार्ट मालिक ने किसी तरह से उनको रोका और शादी की रस्में शुरू कराई। इसी तरह से कोसा रिजार्ट में भी शादी की औपचारिकताएं पूरी की जा रही थी। काफी लोग तो घटना के बाद ही गए थे, जबकि कई थाने के चक्कर काट रहे थे।


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