दुर्लभ काले पाषाण से निर्मित भगवान पाश्र्र्व नाथ का बिंब
सरस्वती लोक में जनपद का 36वां दिगंबर जैन मंदिर आज से भक्तों के लिए खुल जाएगा।
मेरठ। सरस्वती लोक में जनपद का 36वां दिगंबर जैन मंदिर आज से भक्तों के लिए खुल जाएगा। दिगंबर मुनि सौरभ सागर के सानिध्य में मंदिर का पंचकल्याणक महोत्सव चल रहा है। मंदिर में मुख्य बिंब तीर्थकर पाश्र्र्वनाथ का है। 42 इंच ऊंची भगवान की ध्यान मुद्रा की मूर्ति को देखते ही गहन आध्यात्मिक अनुभूति होती है।
पांच दिवसीय महोत्सव का 13 दिसंबर को समापन होगा। ढाई सौ वर्गमीटर में निर्मित मंदिर के पंचकल्याणक महोत्सव में रोजाना सैकड़ों भक्तों की भीड़ जुट रही है। मंदिर का शिखर 70 फुट ऊंचा बनाया गया है। मंदिर के गर्भगृह में कुल 34 मूर्तियों की स्थापना होगी। जिसमें 24 मूर्तियां तीर्थकरों की हैं। दो धातु की मूर्तियां हैं। पवन जैन कौशल देवी ट्रस्ट द्वारा निर्मित मंदिर में साधु संतों के ठहरने की भी व्यवस्था है। मंदिर के शिखर और तोरण द्वारों पर की गई नक्काशी देखते ही बनती है। मंदिर निर्माण से जुड़े मुकेश जैन ने बताया कि हस्तिनापुर और राजस्थान के कारीगरों ने मंदिर में नक्काशी की है। मुख्य विग्रह भगवान पाश्र्र्वनाथ की मूर्ति काले पाषाण से निर्मित है जो राजस्थान का है यह अपने किस्म का अनूठा पत्थर है।
सात हजार मूर्तियां कर चुके स्थापित
शहर में पांच दिगंबर जैन मंदिर स्थापित कर चुके प्रेमचंद जैन का उप नाम मूर्तिवाले पड़ गया है। उन्हें जगह जगह तीर्थकरों की मूर्तियां स्थापित करने का जुनून सा है। देश भर के विभिन्न भागों में स्थित जैन मंदिरों वह सात हजार मूर्तियां स्थापित करा चुके हैं। इनमें सवा फुट से लेकर सवा 14 फुट ऊंची मूर्तियां शामिल हैं। उन्होंने जैन धर्म के सिद्ध क्षेत्र झारखंड स्थित सोनागिर और शिखर जी में भगवान महावीर और ऋषभ देव की मूर्तियां स्थापित की हैं। सिवाया में उनके द्वारा एक और मंदिर निर्मित किया जा रहा है। आनंदपुरी निवासी प्रेमचंद जैन ने बताया कि वह इस लोक के लिए नहीं अगले जन्म के लिए पुण्य कार्य करने की भावना से मूर्तियां स्थापित करा रहे हैं।