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नकचढ़े मसालों के 'नखरे' ढीले, दाल-तेल हाथ से 'फिसले'

कोरोना काल में हर दिन बनने वाली सब्जी हो या फिर काढ़ा और चाय। सभी चीजों में मसालों का खूब उपयोग किया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2021 11:15 AM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 11:15 AM (IST)
नकचढ़े मसालों के 'नखरे' ढीले, दाल-तेल हाथ से 'फिसले'
नकचढ़े मसालों के 'नखरे' ढीले, दाल-तेल हाथ से 'फिसले'

मेरठ, जेएनएन। कोरोना काल में हर दिन बनने वाली सब्जी हो या फिर काढ़ा और चाय। सभी चीजों में मसालों का खूब उपयोग किया गया। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और कोरोना महामारी से बचाव के लिए हरी इलायची, लौंग, अजवायन, दालचीनी, जायफल, बड़ी इलायची की जहां मांग बढ़ी वहीं कीमतों में भी उछाल आया। लेकिन मौसम बदलते ही इनका प्रयोग कम हुआ और एक बार फिर मसालों के दामों में गिरावट देखने को मिल रही हैं। पिछले साल फरवरी में जिस हरी इलायची की कीमत पांच हजार रुपये प्रति किलो पहुंच गई थी, वहीं इस समय 1800 प्रति रुपये किलो है।

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वहीं दूसरी ओर दाल, चावल, तेल और रिफाइंड की कीमतें आसमान छू रह हैं। जिससे पिछले कुछ माह में रसोई का बजट बिगड़ चुका है। सरसों का तेल का 15 लीटर टिन जहां तीन माह पहले 1900 रुपये का था, वहीं आज उसकी कीमत 2200 रुपये है, और रिफाइंड सोयाबीन 1850 से 1970 रुपये हो गया है। जिसका सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ रहा है, और महिलाओं की रसोई का बजट खराब हो रहा है। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में मसालों की दाम और भी गिर सकते हैं। लेकिन दाल, तेल, रिफाइंड, सूजी और मैदा की कीमतें और बढ़ सकती हैं।

मसाले - थोक मूल्य

नाम - वर्तमान कीमत - नवंबर के मूल्य

हरी इलायची - 1800 - 2600

बड़ी इलायची - 600 - 700

लौंग - 550 - 650

जायफल - 740 - 800

जीरा - 150 - 250

जावित्री - 2200 - 2500

दालचीनी - 300 - 400 दाल - फुटकर और थोक मूल्य

नाम - वर्तमान फुटकर मूल्य - वर्तमान थोक मूल्य - नवंबर के थोक मूल्य

मूंग दाल साबुत - 100 - 9000 - 8500

मूंग धुली - 110 - 9500- 8800

उड़द साबुत - 110- 9500- 8500

उड़द धुली- 130- 11500- 11000

उड़द काली- 110- 9700- 8700

मसूर काली- 80-6000- 6000

चना - 70- 5500- 6500

राजमा लाल- 100-9000

राजमा सफेद- 130-11500-9500

चने काले-70- 5300-6200

चने सफेद-90- 4500-3500

चावल बासमती सामान्य-60- 4500-3500

तेल सरसों- 145- 2200-1900

रिफाइंड- 130- 1970- 1850

देसी घी- 400- 6100-5300 इन्होंने कहा-

दीपावली से अब तक तीन माह में सरसों के तेल, रिफाइंड, देसी घी और दालों के दाम में बढ़ोतरी हुई है। इसका सबसे बड़ा कारण पिछले साल फसल का खराब होना है। होली तक खाद्य सामग्री के दाम स्थिर रहने की संभावना है, क्योंकि खाद्य सामग्री के यह अधिकतम दाम है।

अंकित गोयल, नवीन मंडी कोरोना काल में मसालों की मांग अधिक होने से कीमतों में भी इजाफा हुआ। सामान्य स्थिति होने और मौसम में बदलाव के साथ ही मसालों की कीमतों में भी गिरावट आ रह है। आने वाले दिनों में मसालों दाम और भी गिर सकते हैं।

चीनू गोयल, नवीन मंडी


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