नकचढ़े मसालों के 'नखरे' ढीले, दाल-तेल हाथ से 'फिसले'
कोरोना काल में हर दिन बनने वाली सब्जी हो या फिर काढ़ा और चाय। सभी चीजों में मसालों का खूब उपयोग किया गया।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना काल में हर दिन बनने वाली सब्जी हो या फिर काढ़ा और चाय। सभी चीजों में मसालों का खूब उपयोग किया गया। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और कोरोना महामारी से बचाव के लिए हरी इलायची, लौंग, अजवायन, दालचीनी, जायफल, बड़ी इलायची की जहां मांग बढ़ी वहीं कीमतों में भी उछाल आया। लेकिन मौसम बदलते ही इनका प्रयोग कम हुआ और एक बार फिर मसालों के दामों में गिरावट देखने को मिल रही हैं। पिछले साल फरवरी में जिस हरी इलायची की कीमत पांच हजार रुपये प्रति किलो पहुंच गई थी, वहीं इस समय 1800 प्रति रुपये किलो है।
वहीं दूसरी ओर दाल, चावल, तेल और रिफाइंड की कीमतें आसमान छू रह हैं। जिससे पिछले कुछ माह में रसोई का बजट बिगड़ चुका है। सरसों का तेल का 15 लीटर टिन जहां तीन माह पहले 1900 रुपये का था, वहीं आज उसकी कीमत 2200 रुपये है, और रिफाइंड सोयाबीन 1850 से 1970 रुपये हो गया है। जिसका सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ रहा है, और महिलाओं की रसोई का बजट खराब हो रहा है। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में मसालों की दाम और भी गिर सकते हैं। लेकिन दाल, तेल, रिफाइंड, सूजी और मैदा की कीमतें और बढ़ सकती हैं।
मसाले - थोक मूल्य
नाम - वर्तमान कीमत - नवंबर के मूल्य
हरी इलायची - 1800 - 2600
बड़ी इलायची - 600 - 700
लौंग - 550 - 650
जायफल - 740 - 800
जीरा - 150 - 250
जावित्री - 2200 - 2500
दालचीनी - 300 - 400 दाल - फुटकर और थोक मूल्य
नाम - वर्तमान फुटकर मूल्य - वर्तमान थोक मूल्य - नवंबर के थोक मूल्य
मूंग दाल साबुत - 100 - 9000 - 8500
मूंग धुली - 110 - 9500- 8800
उड़द साबुत - 110- 9500- 8500
उड़द धुली- 130- 11500- 11000
उड़द काली- 110- 9700- 8700
मसूर काली- 80-6000- 6000
चना - 70- 5500- 6500
राजमा लाल- 100-9000
राजमा सफेद- 130-11500-9500
चने काले-70- 5300-6200
चने सफेद-90- 4500-3500
चावल बासमती सामान्य-60- 4500-3500
तेल सरसों- 145- 2200-1900
रिफाइंड- 130- 1970- 1850
देसी घी- 400- 6100-5300 इन्होंने कहा-
दीपावली से अब तक तीन माह में सरसों के तेल, रिफाइंड, देसी घी और दालों के दाम में बढ़ोतरी हुई है। इसका सबसे बड़ा कारण पिछले साल फसल का खराब होना है। होली तक खाद्य सामग्री के दाम स्थिर रहने की संभावना है, क्योंकि खाद्य सामग्री के यह अधिकतम दाम है।
अंकित गोयल, नवीन मंडी कोरोना काल में मसालों की मांग अधिक होने से कीमतों में भी इजाफा हुआ। सामान्य स्थिति होने और मौसम में बदलाव के साथ ही मसालों की कीमतों में भी गिरावट आ रह है। आने वाले दिनों में मसालों दाम और भी गिर सकते हैं।
चीनू गोयल, नवीन मंडी