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किसानों का क्रमिक अनशन जारी

गांव बहादरपुर में किसान-मजदूर संगठन के नेतृत्व में तीनों कृषि कानून के विरोध व एमएसपी पर खरीद की गारंटी के लिये कानून बनाने इत्यादि मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 07:40 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 07:40 PM (IST)
किसानों का क्रमिक अनशन जारी
किसानों का क्रमिक अनशन जारी

मेरठ, जेएनएन। गांव बहादरपुर में किसान-मजदूर संगठन के नेतृत्व में तीनों कृषि कानून के विरोध व एमएसपी पर खरीद की गारंटी के लिये कानून बनाने इत्यादि मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा।

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धरने पर सतेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार को उत्तर प्रदेश के किसान मजदूर मोर्चा के नेताओं से बात करनी चाहिये और तीन कृषि कानून में संशोधन करके इस समस्या का समाधान करना चाहिए। किसानों को चार माह गन्ने डालते हो गये हैं लेकिन मवाना शुगर मिल ने अभी तक मात्र 25 दिन का ही गन्ना भुगतान किया है। जबकि किसान के ऊपर बच्चों की फीस, घर का खर्चा, गन्ना बुवाई व सरसो कटाई आदि कार्य सिर पर है।

बुधवार को क्रमिक अनशन पर तीसरे दिन चौधरी सतेंद्र सिंह, चौ.सतपाल सिंह, भूरा सिंह, राजवर्धन क्रमिक अनशन पर बैठे। आंदोलनरत संगठन कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक किसानों के गेहूं का एक-एक दाना एमएसपी पर नहीं खरीदा जाता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

पाली गांव में किसानों के खेत तक नहीं पहुंच रहा पानी: हस्तिनापुर खादर के गांव पाली में सरकारी नलकूप की पाइप लाइन सिचाई विभाग कर्मियों द्वारा विभाग के आपरेटर के खेत तक ही डालने से उससे आगे के लगभग 20 किसानों खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। जिस कारण इन किसानों की फसलों की सिचाई से वंचित हैं। पीड़ित किसान तहसील दिवस पर ज्ञापन देकर समस्या के समाधान की मांग कर चुके हैं, लेकिन समस्या का हल नहीं निकला है।

उक्त गांव निवासी वीर सिंह, बबलू, मेक सिंह ने बताया कि पाली-इकवारा का जंगल एक ही है। इकवारा में सरकारी नलकूप नंबर-193 है। जिस पर गांव का ही व्यक्ति आपरेटर है। विभाग के कर्मचारियों ने नलकूप की पाइप लाइन आपरेटर के खेत में ही डाल दी है। इस खेत से आगे वाले पाली व इकवारा के लगभग 20 किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। पीड़ित किसान संबंधित खेत से आगे 45 मीटर तक पाइप लाइन बिछवाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन समाधान नहीं हुआ।

उधर, उक्त संबंध में जब विभाग के एसडीओ से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनका फोन स्विच आफ आया।


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