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कबट्टा के आदर्श तालाब का अस्तित्व ही मिट गया

दस वर्ष पूर्व लाखों रुपये खर्च कर खरखौदा ब्लाक के कबट्टा गांव में सरकार ने आदर्श तालाब का निर्माण कराया था।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 06:40 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 06:40 AM (IST)
कबट्टा के आदर्श तालाब का अस्तित्व ही मिट गया
कबट्टा के आदर्श तालाब का अस्तित्व ही मिट गया

मेरठ,जेएनएन। दस वर्ष पूर्व लाखों रुपये खर्च कर खरखौदा ब्लाक के कबट्टा गांव में सरकार ने आदर्श तालाब का निर्माण किया था। अब यह आदर्श तालाब बदहाली का शिकार है। यहा साफ-सफाई न होने से गंदगी का जमावड़ा है। चारों तरफ तारबंदी और मुख्य द्वार पर लोहे का गेट जर्जर हो गया है।

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वर्ष 2010-11 में निर्मित तालाब ब्लाक ही नहीं, जिले भर में आदर्श तालाबों की श्रेणी में शुमार था। जनप्रतिनिधियों और ब्लाक कर्मियों की उपेक्षा की कहानी तालाब खुद ही बया कर रहा है। गर्मी के मौसम में पशु-पक्षियों को राहत पहुंचाने व गाव की खूबसूरती बढ़ाने के लिए निर्मित यह तालाब स्वच्छ भारत अभियान को भी मुंह चिढ़ा रहा है। निर्माण के शुरुआती दौर में कुछ दिनों तक निजी नलकूप से तालाब में पानी भरवाया जाता था। इसकी साफ-सफाई होती थी। लेकिन समय बीतने पर जिम्मेदार इस तालाब के प्रति बेपरवाह होते गए। ब्लाक व जिले के उच्चाधिकारी अक्सर निरीक्षण पर आते हैं। लेकिन किसी की भी नजर इस तालाब की बदहाली पर नहीं पड़ती है। क्षेत्रवासियों का कहना है तालाब निर्माण के नाम पर लाखों रुपये बर्बाद करने से क्या फायदा जब उस तालाब की हिफाजत ही नहीं है। ये बोले ग्रामीण

ग्राम पंचायतों मे बनने वाले तालाबों के रखरखाव की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान के साथ ब्लाक के अधिकारियों की भी है। उन्हें तालाबों की साफ-सफाई कराकर पानी भरवाने की व्यवस्था करनी चाहिए।

मुन्नू सिंह कबट्टा गांव में स्थित तालाब उपेक्षा का शिकार है। जिस उत्साह से लाखों खर्च कर तालाब का निर्माण कराया गया था, उस तरह इसके रखरखाव पर ध्यान दिया जाता तो आज यह स्थिति नहीं होती।

जितेंद्र सिंह शासन-प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी तालाबों की उपेक्षा हो रही है। इसका जीता-जागता प्रमाण गाव में स्थित तालाब है। यहा बनने के बाद से फिर कभी साफ-सफाई कराई ही नहीं गई।

चौधरी राजपाल सिंह सर्वोच्च न्यायालय के रुख के बाद तालाब पोखरों के अस्तित्व को खतरा बना हुआ है। जल संरक्षण के प्रति यदि हम सतर्क नहीं हुए तो आने वाला समय बहुत मुश्किल होगा।

दुष्यंत चौधरी इन्होंने कहा-

फिलहाल समस्त अधिकारी और कर्मचारी पंचायत चुनाव में लगे हैं। चुनाव समाप्त होते ही तालाब का सौंदर्यीकरण करके लबालब करा दिया जाएगा।

मनोज कुमार सिसौदिया, एडीओ पंचायत।


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