रेडियो का जमाना कभी नहीं होगा पुराना, इसमें रोजगार की अपार संभावनाएं, मेरठ में बोलीं, आरजे नेहा कक्कड़
मेरठ में आरजे नेहा कक्कड ने कहा कि दूसरों तक पहुंचने का माध्यम ही आपकी आवाज है। एक पत्रकार में जनसंचार के सभी माध्यमों की समझ व उसका उपयोग आना चाहिए। रेडियो संचार का बहुत बड़ा माध्यम है। रेडियो का जमाना कभी पुराना नहीं होगा।
मेरठ, जागरण संवाददाता। आकाशवाणी का उददेश्य पैसा कमाना नहीं है बल्कि लोगों तक जानकारी पहुंचाना है। रेडियों ने लोगों को जागरूक करने का काम किया है। लेकिन अब लोगों ने रेडियो को एफएम तक सीमित कर दिया है। लोग रेडियो को केवल एफएम ही समझते हैं। रेडियों एफएम से कहीं बढ़कर है। एफएम केवल मनोरंजन का साधन है, जबकि रेडियो हर प्रकार की जानकारी लोगों तक पहुंचाने का काम करता है। यह बात आकाशवाणी की आरजे नेहा कक्कड़ ने तिलक स्कूल ऑफ मास कम्यूनिकेशन में रेडियो की विभिन्न विधाएं विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान के दौरान कही।
दूसरों तक पहुंचने का माध्यम है आवाज
नेहा कक्कड ने कहा कि दूसरों तक पहुंचने का माध्यम ही आपकी आवाज है। एक पत्रकार में जनसंचार के सभी माध्यमों की समझ व उसका उपयोग आना चाहिए। रेडियो संचार का बहुत बड़ा माध्यम है। रेडियो तरंगों पर सर्वप्रथम कार्य भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस ने किया था। रेडियो का जमाना कभी पुराना नहीं होगा। रेडियो में उसका श्रोता ही उसका भगवान होता है। रेडियो कार्यक्रम का निर्माण श्रोताओं को ध्यान में रखकर ही किया जाता है।
युववाणी से जुड़कर शुरू कर सकते हैं करियर
उन्होंने कहा कि रेडियो में आप युववाणी कार्यक्रम से जुड़कर अपना करियर शुरू कर सकते हैं। रेडियो जॉकी के अलावा समाचार सेवा प्रभाग में रिपोर्टिंग, संपादन के क्षेत्र के साथ ही आप कार्यक्रम प्रस्तोता व उदघोषक के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। रेडियो में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। तिलक स्कूल ऑफ मॉस कम्यूनिकेशन के निदेशक प्रोफेसर प्रशांत कुमार से सभी का स्वागत किया। डा मनोज कुमार श्रीवास्तव ने सभी का धन्यावाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन विभाग के छात्र अनस सैफी ने किया। इस दौरान अजय मित्तल, लव कुमार, अमरीश पाठक, मितेंद्र कुमार गुप्ता, राकेश कुमार, उपेश दीक्षित, ज्योति वर्मा, योगेश चौधरी, ऋतिक त्यागी तथा विभाग के समस्त छात्र एवं छात्राएं मौजूद रहे।