इमामबाड़े में चला मजलिस का दौर, इस बार नहीं किया गया मातम
मेरठ में मोहर्रम की पहली तारीख को नगर व क्षेत्र के खिर्वा जलालपुर गांव में कोरोना काल के चलते अलम नहीं उठाए गए थे। इसके साथ मजलिस शुरू की गई। इस दौरान मातम नहीं किया गया। खिर्वा जलालपुर में पांच इमामबाड़े हैं।
मेरठ, जेएनएन। मोहर्रम की पहली तारीख को नगर व क्षेत्र के खिर्वा जलालपुर गांव में कोरोना काल के चलते अलम नहीं उठाए गए थे। इसके साथ मजलिस शुरू की गई। इस दौरान मातम नहीं किया गया। इस दौरान मातम व नोहाखानी हुई। इमामबाड़े में मजलिस का दौर चला और नौहाखानी हुई। खिर्वा जलालपुर में पांच इमामबाड़े हैं। गुरुवार को बाबू मुंसी अजीजुल हसन के घर पर कोरोना काल के चलते शासन व प्रशासन के आदेशों का पालन करते हुए मजलिसें चलीं और नोहाखानी के साथ मातम नहीं किया गया।
मुजफ्फरनगर से आए मौलाना जरार ने पहली मजलिस बाबू फतेह हुसैन यहां शुरू की। उन्होंने खिताब करते हुए पैगाम दिया कि इमाम हुसैन मुकद्दस का लोगों को अच्छाई की तरफ बुलाना और उन्हें बुराइयों से रोकना है। इमाम हुसैन के हर चाहने वालों को चाहिए कि वह अपने आप को अच्छाई के रास्ते पर चलें और लोगों को अच्छाई की तरफ बुलाएं। इमाम बाडे़ में बीस लोगों की मौजूदगी में मजलिस की गई। सुरक्षा की मद्देनजर पीएसी व हलका प्रभारी नफीस अहमद एसएसआई अमित कुमार जावला व सुबोध राणा आदि फोर्स के साथ मौजूद रहे। अजादारों ने इमामबाड़ा में की सीनाजनी कस्बे की पुरानी चौकी के मैदान में गुरुवार को मजलिस का आयोजन किया गया, जिसमें शबी-ए-अलम बरामद हुआ।
वहीं महलका में भी इस बार कोरोना प्रकोप के चलते सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक जुलूस नहीं निकल सका। अजादारों ने इमामबाड़ा में सीनाजनी की। महलका में चेहलुम की मजलिस को मौलाना हाफिज मोहम्मद रजा ने मजलिस पढ़ते हुए कर्बला के शहीदों पर हुए जुल्म की दास्तां बयां की। हुसैन पर हुए जुल्मों को सुनकर सोगवार फूट-फूट कर रोने लगे। मर्सियाख्वानी जाहिद मेरठी ने की। वहीं नौहाख्वानी सलमान ने की। रात में शब्बेदारी की गई। इस दौरान मंजर रिजवी, शादान रिजवी, एसपी रिजवी, •ाफर, मौलाना हसनैन आदि मौजूद रहे।