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दिसंबर से छावनी में वाहनों का प्रवेश हो जाएगा महंगा

दिसंबर से छावनी में प्रवेश करने वाले व्यवसायिक वाहन चालकों को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 06:26 AM (IST)
दिसंबर से छावनी में वाहनों का प्रवेश हो जाएगा महंगा
दिसंबर से छावनी में वाहनों का प्रवेश हो जाएगा महंगा

मेरठ,जेएनएन। दिसंबर से छावनी में प्रवेश करने वाले व्यवसायिक वाहन चालकों को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। बोर्ड बैठक में वाहन प्रवेश शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव पर सहमति बन गई है। आठ दिसंबर को नया टेंडर निकलेगा। फिलहाल पुरानी दरें ही लागू होंगी।

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यह होगा वाहन प्रवेश शुल्क - केवल व्यवसायिक वाहनों पर

वाहन प्रकार - दिसंबर में वर्तमान में

आटो, मालवाहक टैंपो 10 रुपये --

टैक्सी, कार 30 रुपये 25 रुपये

हल्के चार पहिया वाहन 50 रुपये 40 रुपये

बस और ट्रक 100 रुपये 75 रुपये

क्रेन, ट्रेलर्स, भारी वाहन 250 रुपये 100 रुपये

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नहीं होगा वार्ड का परिसीमन

छावनी परिषद की वोटरलिस्ट 15 सितंबर को प्रकाशित होनी है। आठों वार्ड का परिसीमन करने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा गया था, लेकिन सभी सदस्यों ने इसका विरोध कर दिया। सदस्य अनिल जैन का कहना था कि कोई भी परिसीमन जनगणना के आधार पर होता है, मतगणना के आधार पर नहीं। उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी, सदस्य मंजू गोयल ने भी परिसीमन का विरोध किया। इसके बाद प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। वर्ष 2021 की जनगणना के बाद छावनी के परिसीमन पर विचार किया जाएगा।

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स्कूलों पर करोड़ों रुपये टैक्स बकाया

बैठक में सेंट मेरीज एकेडमी के टैक्स के मामले में एसएलपी दाखिल करने के मुद्दे पर चर्चा हुई। इसमें उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी का कहना था कि पूर्व में इस मामले में कोर्ट ने बोर्ड को निर्णय करने को कहा था। ऐसे में दोबारा कोर्ट में मामला लेने जाने का कोई औचित्य नहीं है। तय हुआ कि छावनी के सभी स्कूलों के साथ बोर्ड बैठक करेगा, ताकि करोड़ों रुपये के टैक्स भुगतान की प्रक्रिया को सरल बनाकर राजस्व जुटाया जा सके। कैंट बोर्ड में जल्द ही सभी स्कूलों की बैठक बुलाई जाएगी।

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वार्ड सात के सदस्य धर्मेद्र सोनकर को राहत

अवैध निर्माण और अतिक्रमण के मामले में वार्ड सात के सदस्य धर्मेद्र सोनकर को राहत मिल गई है। कैंट एक्ट की धारा 35 ए के तहत उनकी सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा था। पूर्व सीईओ राजीव श्रीवास्तव ने मध्य कमान को इस संबंध में लेटर भेजा था। इसका संज्ञान लेते हुए मध्य कमान ने बोर्ड और सदस्य से जवाब मांगा था। बोर्ड बैठक में चर्चा के बाद सभी आरोपों को सदस्य बनने से पहले का पाया गया। इसके बाद धारा 35 ए की संस्तुति को वापस ले लिया गया।

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एकाउंटेंट को सीईओ बनने पर बधाई

बोर्ड बैठक शुरू होने से पहले उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी और सदस्य मंजू गोयल ने एकाउंटेंट सुधीर कुमार को सीईओ की परीक्षा सफल करने पर बधाई दी। इस पर बोर्ड ने भी बधाई दी।

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ये रहे मौजूद

ब्रिगेडियर अनमोल सूद, सीईओ प्रसाद चव्हाण, उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी, एडम कमांडेंट रोहित पंत, सदस्य रीनी जैन, बुशरा कमाल, बीना वाधवा, मंजू गोयल, नीरज राठौर, अनिल जैन, धर्मेद्र सोनकर आदि आर्मी के सदस्य मौजूद रहे।

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राज्यसभा सांसद बोली हिदी में हो चर्चा

छावनी परिषद की बैठक में कई सदस्यों की ओर से बार- बार हिदी में एजेंडा बनाने और चर्चा करने की बात कही जाती रही है। एक बार फिर यह मुद्दा उठा। पहली बार बोर्ड बैठक में शामिल हुई राज्यसभा सांसद कांता कर्दम ने कहा कि हमारी मातृभाषा हिदी है, हिदी बोलने में शर्म कैसी। बोर्ड बैठक में ज्यादातर चर्चा अंग्रेजी में हो रही है। यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि वह राज्यसभा में सदस्य हैं, संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर ज्यादातर सांसद हिदी में अपनी बात रखते हैं। ऐसे में छावनी की बैठक में भी हिदी पर ध्यान देना चाहिए। कांता कर्दम ने दो बार इसे लेकर टोका। बोर्ड अध्यक्ष और सीईओ से आश्वासन भी लिया कि वह हिदी को शामिल करें। बोर्ड अध्यक्ष ने आश्वस्त किया।

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बोर्ड बैठक के अन्य बिंदु

- छावनी में ओडीएफ प्लस पर मुहर लगी।

- छावनी में केस के हिसाब से कानूनी राय ली जाएगी।

- छावनी में गेल की पाइप लाइन के लिए सर्वे का कार्य शुरू किया जाएगा।

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इनका कहना है..

छावनी में मोबाइल टॉवर लगाने में जल्दीबाजी हुई है, जिसकी वजह से यह गड़बड़ी हुई है। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जो भी एग्रीमेंट की शर्ते हैं, उसके अनुसार ही टॉवर लगने चाहिए। कंपनी ने जो गड़बड़ी की है, उसे ठीक कर मोबाइल कनेक्टिविटी शुरू की जाएगी।

प्रसाद चव्हाण, सीईओ कैंट बोर्ड

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अगर मोबाइल टॉवर लगाने में कही कोई गलती हुई है तो उनकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। आगे कोई दिक्कत हो, उससे पहले उसे सुधार कर नेटवर्क सहीं किया जाएगा। जनहित में मोबाइल टॉवर लगनी चाहिए।

विपिन सोढ़ी, उपाध्यक्ष

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मोबाइल टॉवर कंपनी ने 11 लाख रुपये का स्टाम्प, पौने दो करोड़ की आरडी जमा कर दिया और अभी तक एग्रीमेंट नहीं हुआ। यह अजीब बात है। कई सालों की कोशिश से टॉवर लगने की प्रक्रिया शुरू हुई है। जनहित के लिए इस पर ब्रेक लगाना उचित नहीं होगा।

बीना वाधवा, सदस्य वार्ड तीन


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