खिर्वा कट पर जाम लगेगा न हादसा होगा..अंडरपास बनने वाला है
220 करोड़ रुपये की लागत से हाईवे-58 की कायाकल्प होने जा रही है। इसके तहत परतापुर तिराहे से मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे तक 220 करोड़ रुपये की लागत से एनएचएआइ विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्य करा रहा है। खिर्वा कट पर अंडरपास बनेगा तो खड़ौली कट पर डिवाइडर बंद कर सड़क हादसे और ट्रैफिक जाम से क्षेत्रवासियों को राहत मिलेगी। साथ ही अंडरपास बनने से हाईवे का ट्रैफिक भी जाम के कारण बाधित नहीं होगा।
मेरठ । 220 करोड़ रुपये की लागत से हाईवे-58 की कायाकल्प होने जा रही है। इसके तहत परतापुर तिराहे से मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे तक 220 करोड़ रुपये की लागत से एनएचएआइ विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्य करा रहा है। खिर्वा कट पर अंडरपास बनेगा तो खड़ौली कट पर डिवाइडर बंद कर सड़क हादसे और ट्रैफिक जाम से क्षेत्रवासियों को राहत मिलेगी। साथ ही अंडरपास बनने से हाईवे का ट्रैफिक भी जाम के कारण बाधित नहीं होगा।
परतापुर तिराहे से मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे तक 78 किमी की दूरी है। हाईवे-58 पर 78 किमी की दूरी में कई तरह के निर्माण कार्य चल रहे हैं। इनमें मुख्य रूप से खिर्वा कट अंडरपास और खड़ौली कट पर डेढ़ मीटर चौड़ा और एक फीट ऊंचा डिवाइडर बनाकर कट को बंद करने का कार्य होना है। जल्द ही दोनों जगहों पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। खड़ौली कट पर डिवाइडर बंद होने के बाद भोला रोड और मलियाना रोड से हाईवे पर आने वाले वाहनों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। अब तक दोनों तरफ के संपर्क मार्ग का ट्रैफिक खड़ौली कट से गुजर रहा था, जिसके कारण सड़क हादसे और जाम से राहगीर और क्षेत्रवासी परेशान थे। सड़क हादसों के कारण खड़ौली कट को ब्लैक स्पॉट के नाम से भी जानते हैं।
बागपत रोड पुल और रोहटा रोड पुल से लेना होगा यू-टर्न
भोला रोड के वाहन दिल्ली की ओर जाते हैं तो वो हाईवे पर आने के बाद रोहटा रोड पुल के अंडरपास से यू-टर्न लेकर दिल्ली की ओर जा सकेंगे। इसी तरह मलियाना रोड के वाहन अगर, कंकरखेड़ा की ओर जाते हैं तो वह हाईवे पर आने के बाद बागपत रोड पुल के अंडरपास से यू-टर्न लेकर कंकरखेड़ा की ओर जाएंगे।
परतापुर से रामपुर तिराहे तक 220 करोड़ रुपये की लागत से कई तरह के निर्माण कार्य चल रहे हैं। खड़ौली कट बंद और खिर्वा कट पर अंडरपास बनने के बाद सड़क हादसों और जाम से निजात मिलेगी। यहां जल्द ही कार्य शुरू होगा। दो माह से अन्य जगहों पर कार्य चल रहे हैं।
- डीके चतुर्वेदी, पीडी-एनएचएआइ।