लायल बुक डिपो पर बैंक ने लगाई सील, विरोध-हंगामा
बेगमपुल रोड स्थित लायल बुक डिपो को बुधवार को इंडियन बैंक ने अपने कब्जे में लेने की कार्रवाई की।
मेरठ, जेएनएन। बेगमपुल रोड स्थित लायल बुक डिपो को बुधवार को इंडियन बैंक ने अपने कब्जे में लेने की कार्रवाई की। दुकान संचालकों की ओर से जमकर विरोध किया गया। गहमागहमी के बीच बैंक ने सील लगा दी।
लायल बुक डिपो पर इंडियन बैंक (पूर्व में इलाहाबाद बैंक) का करीब 95 लाख का कर्ज है। खाता एनपीए घोषित करने के बाद बैंक ने लायल बुक को अपने कब्जे में लेने की कार्रवाई की। बैंक ने अपना कर्ज वापस करने के लिए लायल बुक को नीलामी में बचने के बाद उस पर कब्जा करने पहुंची। इस दौरान काफी संख्या में पुलिस तैनात रही। एक महिला सील के विरोध में दुकान के बाहर जमीन पर भी लेट गईं, पुलिस ने महिला के साथ अभद्रता की। महिला को पुलिस ने जबरन हटाया। बैंक ने दुकान से बाहर नोटिस लगाते हुए सील की कार्रवाई की। बैंक अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने पूरी विधिक प्रक्रिया के बाद कब्जे लेने की कार्रवाई की।
यह है मामला
लायल बुक की प्रापर्टी को बैंक में बंधक रखकर संचालक राकेश लाल ने वर्ष 2013 में करीब 95 लाख रुपये का लोन लिया था। एक महीने बाद ही उनकी मृत्यु हो गई। उनकी पत्नी कुसुमलता के पास इसकी देनदारी आ गई। आरोप है कि कुसुमलता के देवर सुरेश लाल ने बैंक की लिमिट का दुरुपयोग कर पैसे का गमन कर लिया। जानकारी होने पर कुसुमलता की ओर से एफआइआर दर्ज कराई गई। लोन न चुकाने पर बैंक ने खाते को एनपीए घोषित करते हुए प्रापर्टी को बेचने के लिए वर्ष 2019 में बोली लगा दी। नीलामी में बैंक ने सुरेश लाल को प्रापर्टी बेच दी। कुसुमलता की पुत्री उदिता और पुत्र हिमांशु का कहना है कि कोर्ट ने बिक्री को कंफर्म नहीं किया है। पूरे मामले में स्टे भी है। लायल बुक की संचालिका उदिता का कहना है कि वह बैंक के सभी बकाया देने को तैयार हैं, फिर भी बैंक के अधिकारियों ने तथ्यों को छिपाया है। डीआरएटी प्रयागराज (डेबट्स रिकवरी अपीलेट ट्रिब्यूनल) केस दर्ज है। बैंक ने कोर्ट की अवमानना भी की है।
55 साल पुरानी दुकान
लायल बुक की शहर में एक अपनी पहचान है, करीब 55 साल पुरानी दुकान से प्रतियोगी किताबें खरीदकर बहुत से छात्र विभिन्न सेवाओं में पहुंच गए हैं। बेगमपुल रोड पर लायल बुक को एक तरह से लैंडमार्क भी माना जाता है।