धनौरा में होली के हुड़दंग से शुरू हुआ था खूनी खेल, तीन दशक की रंजिश में 30 हत्याएं Bulandshahr News
धनौरा गांव में 11 मार्च 1990 को कालीचरण व महेंद्र के स्वजन में होली पर विवाद खून की होली में बदल गया था। कालीचरण पक्ष के वीरपाल वेदपाल व तत्कालीन ग्राम प्रधान तेजपाल की हत्या हुई थी जबकि महेंद्र पक्ष से महेंद्र व दो अन्य का कत्ल हुआ था।
[मनोज मिश्रा], बुलंदशहर। धनौरा जाट बाहुल्य गांव है। गांव में देश सेवा का जज्बा भी है, लेकिन दुख:द पहलू यह है कि इस गांव के कालीचरण, इंद्र, नरेंद्र फौजी और अमित धनौरा सहित कुछ परिवारों में पिछले तीन दशक से चल रही रंजिश में अब तक करीब 30 की हत्याएं हो चुकी हैं और पांच से ज्यादा लोग उम्र कैद की सजा भुगत रहे हैं, लेकिन इन परिवारों में इंतकाम की आग ठंडी नहीं हो रही है।
हुड़दंग को लेकर हुई थी विवाद की शुरुआत
जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर थाना ककोड़ क्षेत्र में बसे धनौरा गांव के इन परिवारों की कहानी फिल्मी ज्यादा है। 30 साल पहले यानि 11 मार्च 1990 दिन शनिवार को काली चरण व महेंद्र के स्वजन में होली के हुड़दंग को लेकर हुआ विवाद खून की होली में बदल गया था। दोनों अलग-अलग मोहल्ले के थे और मोहल्लेबाजी की इस लड़ाई में उसी रोज कालीचरण पक्ष के वीरपाल, वेदपाल व तत्कालीन ग्राम प्रधान तेजपाल की हत्या हुई थी, जबकि महेंद्र पक्ष से महेंद्र व दो अन्यों का कत्ल हुआ था। इनकी चिताओं से सुलगी इंतकाम की आग में 1998 में महेंद्र के छोटे भाई इंद्र व रामवीर को गोलियों से भून दिया था। वक्त के साथ धीरे-धीरे इस रंजिश में कालीचरण परिवार के खिलाफ नरेंद्र फौजी व शूटर अमित धनौरा के पिता राजेंद्र फौजी भी कूद गए। इसके बाद तो जिसे भी मौका मिलता है, वही सामने वाले को लुढका देता है।
पंजाब में जाकर मारी थी 12 गोली
प्रतिशोध की इस आग में कानून का खौफ किसी को नहीं है। 1995 में कालीचरण के बेटे जगवीर जो कि पंजाब में रह रहा था, उसको विपक्षियों ने वहीं जाकर 12 गोली मारी थी। पलवल (हरियाणा) में दूसरे बेटे पूर्व प्रधान जगपाल उर्फ बराती की हत्या कर दी गई थी। 2005 में कालीचरण की पत्नी सिंगारी देवी और करीबी नीरज को भी गोलियों से भून दिया था।
इन लोगों की हो चुकी हैं हत्याएं
तेजपाल, वेदपाल, वीरपाल, कालीचरण, ङ्क्षसगारी देवी, नीरज, संदीप, अभय , जगपाल, जगवीर ङ्क्षसह, महेंद्र, इंद्र, रामवीर, बिजेंद्री देवी, बिजेंद्री का भाई व रविंद्र आदि की हत्या हो चुकी हैं।
पांच को हो चुकी है उम्रकैद
राजेंद्र कुमार, रामपाल, कृपाल ङ्क्षसह, छत्रपाल ङ्क्षसह और संजय उम्र कैद की सजा भुगत रहे हैं। साथ ही कुख्यात शूटर अमित धनौरा सहित आधा दर्जन से अधिक जेल में हैं।