प्रदूषण पर प्रहार : शहर की सुधारी जाएगी हवा, बन रही ऐसी कार्ययोजना, जानिए क्या है प्लानिंग Meerut News
मेरठ शहर के हवा की गुणवत्ता सुधारने व प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जा रही है। क्योंकि मेरठ को नान-अटेंमेंट नगरों में शामिल किया गया है।
मेरठ, जेएनएन। शहर के हवा की गुणवत्ता सुधारने व प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जा रही है। क्योंकि मेरठ को नान-अटेंमेंट नगरों में शामिल किया गया है। नगर निगम,यातायात पुलिस, विकास प्राधिकरण, खाद्य आपूर्ति विभाग,परिवहन विभाग,एनएचएआइ, पीडब्लयूडी, सिंचाई विभाग, जल निगम व अन्य संबंधित विभागों को इसके लिए कार्य करने हैं। इसके लिए 30 जुलाई तक कार्ययोजना मांगी गई है। जिसे शासन स्तर से अध्ययन करने व सुधारने के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली को भेजा जाएगा। एमडीए की सचिव प्रवीणा ने बताया कि इसके लिए तैयारी की जा रही है। जल्द ही कार्ययोजना भेज दी जाएगी।
यह भी होगा खास
- सड़कों की नियमित सफाई होगी। मशीन से सड़क की धूल हटाई जाएगी।
- धूल को खत्म करने के लिए पानी की बौछार भी नियमित रूप से डाली जाएगी।
- सड़क के फुटपाथ खाली कराए जाएंगे।
- नालों के किनारे पौधे रोपे जाएंगे।
- ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा। बैट्री रिक्शा को बढ़ावा दिया जाएगा।
- सड़क की चौड़ाई बढ़ेगी।
- नए बाईपास बनाए जाएंगे।
- 15 साल पुराने डीजल वाहन प्रतिबंधित होंगे।
- प्रतिदिन शहर का हवा की गुणवत्ता का स्तर जारी किया जाएगा।
- मोबाइल एप ओर हेल्पलाइन नंबर जारी होगा।
हरा भरा शहर, हवा में कम जहर
शहर को ग्रीन बनाने के लिए ग्रीन बफर ट्रैफिक कॉरेडोर बनाए जाएंगे। ग्रीन क्षेत्र विकसित करने के लिए एमडीए अपने नियमावली में परिवर्तन करेगा। इससे खुले स्थान, पार्क, सामुदायिक स्थान बढ़ेंगे। स्कूल व सोसायटी में भी ग्रीन पार्क बनेंगे। र्विटकल गार्डन को बढ़ावा दिया जाएगा। बिल्डरों को अपनी कॉलोनी में 33 फीसद स्थान ग्रीन बेल्ट के लिए छोडऩा अनिवार्य होगा। अब जो मास्टर प्लान बन रहा है उसमें शहर में 33 फीसद हिस्सा वनाच्छादन का प्रावधान किया जाएगा।
शुद्ध पेट्रोलियम पदार्थ बिकें, एथनॉल का प्रयोग बढ़े
खाद्य आपूर्ति विभाग को जिम्मेदारी दी गई है कि शुद्ध पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री कराएं और -पेट्रोलियम पदार्थों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए औचक निरीक्षण व जांच कराएं। इसके साथ ही सिटी ट्रांसपेार्ट निगम से कहा गया है कि वह शहर की बसों में बायो एथनॉल का प्रयोग कराएं और बसों के संचालन में वेस्ट टू एनर्जी का उपयोग का उपाय तलाशें। वाहनों का प्रदूषण स्तर अब नियमित रूप से जांचा जाएगा।
सुधार के लिए पार्किंग व्यवस्था पर ध्यान
प्रदूषण को सुधारने के लिए पार्किंग व्यवस्था भी दुरुस्त की जाएगी। वैध पार्किंग स्थलों को समाप्त करना, मल्टी लेयर पार्किंग का निर्माण व जरूरत वाले स्थलों पर पार्किंग स्थलों की अनुमति देने का कार्य होगा। इसके लिए यातायात पुलिस, नगर निगम व एमडीए को निर्देशित किया गया है।
सार्वजनिक परिवहन अब अस्तव्यस्त नहीं
हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था भी सुधारी जाएगी। इसके लिए ऑटो, ई-रिक्शा के संचालन की बाकायदा योजना बनेगी। सभी के लिए रूट तय होगा। सभी का डाटा रहेगा। इलेक्ट्रिक बस संचालन को प्रोत्साहित किया जाएगा। सीएजी से चलने वाली बसें भी शामिल होंगी।
खुले में निर्माण तो खैर नहीं
निर्माण सामग्री जैसे सीमेंट, ईंट व रेत आदि यदि वाहनों पर बिना ढके ले जाया गया तो अब सख्ती से जुर्माना होगा। इसके लिए जल्द ही कार्रवाई शुरू हो जाएगी। जहां भी भवन बन रहा होगा वहां भी कार्यस्थल को ढकना होगा और निर्माण सामग्री को भी।