टीईटी परीक्षा.. एक करोड़ की बचत का रखा था लक्ष्य
टीईटी परीक्षा का पेपर आउट करने में धरे गए आरोपितों ने जल्द पैसा कमाने के लिए बड़ी प्लानिंग की थी। जिसको अंजाम तक पहुंचाने के लिए फरार सरगना अजय उर्फ बबलू ने पटकथा लिखी थी।
मेरठ, जेएनएन : टीईटी परीक्षा का पेपर आउट करने में धरे गए आरोपितों ने जल्द पैसा कमाने के लिए बड़ी प्लानिंग की थी। जिसको अंजाम तक पहुंचाने के लिए फरार सरगना अजय उर्फ बबलू ने पटकथा लिखी थी। वही मथुरा से पांच लाख में पेपर खरीद कर लाया था। उसने ही पकड़े गए अपने तीनों साथियों के वाट्सएप नंबर पर पेपर भेजा था। जिसका प्रिंट निकाल कर आरोपित अभ्यर्थियों को पढ़वा रहे थे। अगर पेपर की रकम वसूली को लेकर आरोपितों का एक अभ्यर्थी से विवाद नहीं होता तो आरोपित अपने एक करोड़ रुपये कमाने के लक्ष्य को पूरा कर लेते।
एसटीएफ की पूछताछ में तीनों आरोपित मनीष, धमेंद्र और रवि ने बताया कि टीईटी परीक्षा में एक करोड़ की बचत का लक्ष्य लेकर पेपर हासिल किया था। उनका 50 से 60 अभ्यर्थियों से संपर्क था। सभी को 50 से 60 हजार रुपये में पेपर पढ़वाना तय हुआ था। गिरफ्तारी के दौरान तीनों अभ्यर्थियों को पेपर की फोटो कापी पढ़वा रहे थे। यदि उन्हें पेपर वाट्सएप या फोटो कापी में दे दिया जाता तो वह दूसरे अभ्यर्थियों को बांट सकते थे। तीनों आरोपितों ने अपनी रिश्तेदारों से भी संपर्क किया था। ताकि वहा के अभ्यर्थियों को भी पेपर पढ़वाकर रकम वसूली की जाए। पकड़े जाने तक आरोपित करीब 30 अभ्यर्थियों को पेपर पढ़वा चुके थे। आरोपित का कहना है कि फरार अजय उर्फ बबलू के संपर्क में आने पर ही प्लानिंग की थी। बबलू का मथुरा में बड़ा नेटवर्क है। बबलू मथुरा से अपने साथियों के साथ पेपर लेकर मेरठ आया और यहा से पेपर की प्रति देता हुआ शामली तक निकल गया।
पेपर कैसे लीक हुआ, इसकी हो रही पड़ताल
प्रश्नपत्र को जिले के कोषागार में डबल लाक में रखा जाता है। बावजूद इसके पेपर लीक हो गया। इसकी पड़ताल एसटीएफ की टीम कर रही है। माना जा रहा है कि इस धंधे में कोषागार का जिम्मेदार व्यक्ति भी शामिल हो सकता है। कोषागार की सुरक्षा करने वाले कर्मचारियों से भी एसटीएफ पूछताछ कर रही है।