Terrorist Encounter: अंतिम सांस तक लड़ते रहे मेरठ के सुबेदार रामसिंह, छह महीनों में होते रिटायर्ड; पहले ही मिली शहादत
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए मेरठ के सूबेदार राम सिंह भंडारी ठीक छह महीने 13 दिन बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे। 28 फरवरी 2022 को उनकी 30 साल की सेवा पूरी होने के बाद सेवानिवृत्त होकर घर लौटने वाले थे।
जागरण संवाददाता, मेरठ। जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए मेरठ के सूबेदार राम सिंह भंडारी ठीक छह महीने 13 दिन बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे। 28 फरवरी 2022 को उनकी 30 साल की सेवा पूरी होने के बाद सेवानिवृत्त होकर घर लौटने वाले थे। वह 28 जुलाई को ही एक महीने की छुट्टी काटकर ड्यूटी पर गए थे। गंगानगर के ईशापुरम में रह रहे परिवार को इंतजार था सेवानिवृत्ति के बाद घर लौटने का लेकिन, गुरुवार को शहादत की खबर आ गई। शहीद की पार्थिव देह शुक्रवार को मेरठ पहुंचेगी। सैन्य सम्मान के साथ सूरजकुंड में अंतिम विदाई दी जाएगी।
मेरठ में साथ रहती है परिवारों की बटालियन
मवाना रोड स्थित ईशापुरम, न्यू मीनाक्षीपुरम, सैनिक कालोनी आदि ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां पर सैन्य परिवारों की पूरी बटालियन रहती है। सूबेदार राम सिंह की 16 गढ़वाल रेजीमेंट से ईशापुरम में 17 परिवार रहते हैं। 11 परिवार कसेरूखेड़ा में रहते हैं। शहीद होने की सूचना पर सभी परिवार शहीद राम सिंह के घर पहुंचे और उनके स्वजन को सांत्वना दी। शहीद राम सिंह की पत्नी व बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल था। स्थानीय भाजपा नेता अजीत सिंह भी शहीद के घर पहुंचे और स्वजन को सांत्वना दी।
सेना से रहा है परिवार का पुराना नाता
शहीद सूबेदार मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल में बजवाड़ा क्षेत्र के सलाना गांव के रहने वाले थे। वह परिवार के साथ मेरठ में 2012 से रह रहे थे। उनके दो भाई व एक बहन हैं। बड़े भाई सुंदर भंडारी देहरादून में प्रापर्टी डीलर हैं। दूसरे भाई सतीश सिंह नागा रेजिमेंट से रिटायर हैं और देहरादून में ही रहते हैं। शहीद सूबेदार राम सिंह तीसरे भाई थे। छोटी बहन गुड्डी के पति स्व. हरेंद्र सिंह भी सेना में कार्यरत रहे थे। बेटा सोलेन भंडारी भी फौज में जाने की तैयारी कर रहा है।
दो महीने शेष थी राष्ट्रीय राइफल की सेवा
16वीं गढ़वाल राइफल्स में शामिल सूबेदार राम सिंह पौने दो साल से जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल की 48वीं बटालियन में तैनात थे। इस पोस्टिंग में उनकी सेवा दो महीने बाद समाप्त होनी थी। उसके बाद करीब चार महीने की सेवा मुख्यालय स्तर पर करने के बाद वह सेवानिवृत्त हो जाते। अपने सेवाकाल के दौरान वह वर्ष 2011-12 में यूएई में साक्षर मिशन के अंतर्गत भी तैनात रहे और स्थानीय लोगों को साक्षर व जागरूक करने का कार्य भी किया।
आपरेशन के दौरान हुए थे जख्मी
16 गढ़वाल में उनके वरिष्ठ साथी रहे सेवानिवृत्त कैप्टन वीर सिंह रावत ने बताया कि शहीद सूबेदार राम सिंह के आतंकी मुठभेड़ में शहीद होने की जानकारी उन्हें बटालियन की ओर से दोपहर करीब एक बजे मिली। बुधवार रात से चल रहे आपरेशन में उनकी टीम ने एक आतंकी को मारने के बाद दूसरे की तलाश कर रहे थे। सुबह करीब नौ बजे घात लगाकर बैठे आतंकी ने सर्च पार्टी पर गोलियां चला दी। गोली लगने से जख्मी सूबेदार राम सिंह को उधमपुर स्थिति अस्पताल ले गए लेकिन अत्यधिक खून बहने के कारण वह शहीद हो गए।
परिवार में कोहराम, बची थी जिम्मेदारियां भी
कसेरूखेड़ा सैनिक कालोनी के रहने वाले रिटायर्ड कैप्टन वीर सिंह रावत ने बताया कि सूबेदार राम सिंह की चार बेटियां व एक बेटा है। इनमें से दो बेटियों की शादी हो चुकी है, जबकि दो बेटियों की शादी होनी बाकी है। पति के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद से ही पत्नी अनिता भंडारी का रो-रोकर बुरा हाल है। सबसे बड़ी बेटियां प्रियंका सिंह और करिश्मा नेगी परिवार को संभालने की कोशिश कर रही हैं। वही छोटी बेटियां मीनाक्षी भंडारी व मनीषा भंडारी के साथ बेटा सोलेन भंडारी मां को संभालने के साथ एक दूसरे को संभालने में जुटे हैं। पूरे परिवार और क्षेत्र में मातम छाया हुआ है।