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मुख्यमंत्री जी ! मेरठ में आवारा कुत्तों के आतंक से बच्चों से लेकर बुजुर्ग सब परेशान

मेरठ में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। इस आतंक से बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सब परेशान हैं। कई कालोनियों में हालत यह है कि लोगों का सुबह-शाम घूमना भी कठिन हो गया है। बच्चे बाहर दुकान से सामान लेने जाने तक से डरते हैं।

By PREM DUTT BHATTEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 01:28 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 01:28 PM (IST)
मुख्यमंत्री जी ! मेरठ में आवारा कुत्तों के आतंक से बच्चों से लेकर बुजुर्ग सब परेशान
मेरठ में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है

 मेरठ, जेएनएन। मेरठ में आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक से बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सब परेशान हैं। इससे निजात दिलाइए। क्लब 60 ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह ट्वीट किया है।

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क्लब 60 के सदस्य हरि विश्नोई ने ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री को डिफेंस कालोनी में पिता-पुत्र को खूंखार आवारा कुत्तों के द्वारा निशाना बनाने, साकेत और एच ब्लाक शास्त्रीनगर में भी आवारा कुत्तों से बढ़ती परेशानी से अवगत कराया है। यह भी उल्लेख किया है कि आवारा कुत्तों से बढ़ती पीड़ा को कोई सुनता नहीं है। क्लब 60 ने मुख्य सचिव और जिलाधिकारी को भी यह ट्वीट किया है। नगर निगम, वन विभाग और पशु चिकित्सा विभाग से आपसी समन्वय बनाकर आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने की गुहार लगाई है। वन विभाग के डीएफओ को क्लब 60 के सदस्यों ने पत्र भेजकर आग्रह किया है कि विभाग के पास जाली वाली गाड़ी और प्रशिक्षित कर्मचारी हैं। नगर निगम को यह संसाधन मुहैया कराकर आवारा कुत्तों की नसबंदी, एंटी रेबीज वैक्सीनेशन व शेल्टर करने की व्यवस्था कराई जाए। उन्होंने लिखा है कि शास्त्रीनगर सहित शहर के सभी मोहल्लों में आवारा कुत्तों से लोग परेशान हैं। नगर निगम से बार-बार आवारा कुत्तों को पकड़कर आबादी से दूर शेल्टर करने की मांग कर रहे हैं।

सेक्टर आठ से भी उठी मांग

भगत सिंह पार्क सेक्टर आठ शास्त्री नगर के निवासी अशोक कुमार अग्रवाल और अन्य नागरिेकों ने भी आवारा कुत्तों से निजात दिलाने की मांग उठाई है। लोगों ने कहा कि न जाने कितनी बार ऐसा हो चुका है कि कालोनी में कोई गेस्ट आते हैं। वापसी में उनकी मोटरसाइकिल पर आवारा कुत्तों का झुंड झपट पड़ता है और लोग गिरकर चोटिल हो जाते हैं। कालोनी में महिलाओं का सुबह-शाम घूमना कठिन है। बच्चे बाहर दुकान से सामान लेने के लिए जाने से डरते हैं। इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कई बार ऐसा लगता है कि 15-20 आवारा कुत्तों का एक साथ जुलूस निकल रहा है। इससे निजात मिलनी चाहिए।


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