कोरोना के ये छह लक्षण दिखे तो हो जाएं सतर्क, पढ़ें-क्या कहना है विशेषज्ञों का
Symptoms Of Corona यह जान लीजिए कि कोरोना और ओमिक्रोन का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में सावधानी बरतनी जरूरी है। जरा भी लक्षण मिलने पर चिकित्सक को तुरंत दिखाएं और इलाज कराएं। घर से बाहर हमेशा मास्क के साथ ही निकलें।
मेरठ, जेएनएन। Symptoms Of Omicorn कोरोना और ओमिक्रोन को लेकर अभी दहशत बरकरार है। मेरठ और आसपास के जिलों में कोरोना के नए मामले लगातार मिल रहे हैं। मेरठ में तो पिछले दिनों हर दिन एक हजार से ज्यादा कोरोना के मरीज सामने आ रहे थे, लेकिन अभी यह संख्या कम हुई है। कोरोना को लेकर किसी प्रकार की भी लापरवाही खतरनाक हो सकती है। ऐसे सावधानी रखनी जरूरी है। मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलें और भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें। कोरोना के लक्षण दिखने पर तत्काल डाक्टर से परामर्श लें। समय से इलाज शुरू कराएं। मेरठ में सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ डा. वीरोत्तम तोमर का कहना है कि वायरस की संक्रामकता को देखकर ऐसा लगता है कि ये सभी तक पहुंचेगा। बेहद हल्के लक्षण उभरेंगे। आगामी 15 दिन में लहर काफी हद तक कम हो जाएगी। संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनने, शारीरिक दूरी बनाने एवं हाथ साफ रखना जरूरी है।
ये छह लक्षण दिखे तो हो जाएं सतर्क
- सर्दी, जुकाम के साथ 100-101 फारेनहाइट बुखार होना।
- कमजोरी महसूस होना।
- नाक बहना
- गले में खराश व सुगंध न आना।
- गले में खराश के साथ बलगम रहित खांसी या सूखी खांसी।
- सामान्य संक्रमण होने पर तीन से चार दिन के बाद रोगी अच्छा महसूस करने लगता है लेकिन ओमिक्रोन के मामले में मरीज को स्थिति में सुधार नहीं महसूस होता।
इस बार बदला हुआ रूप
यह भी जान लीजिए कि कोरोना की पिछली दोनों लहरों में वायरस बदलाव के साथ आया। दूसरी लहर में डेल्टा वायरस था, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में मरीजों को निमोनिया हुआ। आक्सीजन का स्तर 94 प्रतिशत से घटकर 80 तक आ गया। शरीर में साइटोकाइन स्टार्म से बड़ी संख्या में मरीजों में मल्टीआर्गन फेल्योर हुआ। ब्लड गाढ़ा होने से मरीजों को हार्ट अटैक हुआ। ब्लड जांच में सी-रीएक्टिव प्रोटीन, डी-डाइमर एवं आइएल-6 जैसे फैक्टर बढ़े मिल रहे थे। डेल्टा में बुखार, गंध व स्वाद खत्म होना, डायरिया व संक्रमण के चौथे-पांचवें दिन से खांसी व सांस फूलने के लक्षण उभरते थे
बुखार आए तो नापिए जरूर
कोरोना वायरस में 30 से ज्यादा म्यूटेशन होने के बाद ओमिक्रोन वैरिएंट कमजोर पड़ा। जनवरी 2022 में देशभर में अचानक मरीज बढ़ गए हैं, जिसे ओमिक्रोन की लहर कही जा रही है। जिनके बीच कई ऐसे हैं जिनमें सांस फूलने के भी लक्षण हैं। डाक्टरों ने आगाह किया है कि तीन दिन तक 100 डिग्री से ज्यादा बुखार आए तो डाक्टर से परामर्श कर छाती का एक्स रे और सीटी स्कैन करवाना चाहिए। उन्हें यह नहीं सोचना है कि ये ओमिक्रोन है जो ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाएगा। नया वायरस खतरनाक नहीं है, ऐसा कहने में कम से कम एक माह और इंतजार करना होगा।
पढ़ें एक्सपर्ट की राय
जुकाम, बुखार, खांसी के मरीजों की संख्या ज्यादा है। लेकिन बुखार बढ़ता रहे तो समझिए कि वायरल लोड ज्यादा है। अभी यह भी साफ नहीं है कि संक्रमण में ओमिक्रोन और डेल्टा कितना-कितना है। लक्षणों के आधार पर इलाज किया जा रहा है। आक्सीजन का स्तर 93-94 पर आए तो सतर्क हो जाएं। 15 से ज्यादा उम्र वाले सभी जल्दी टीका लगवाएं, जिससे संक्रमण उन्हें गंभीर रूप से बीमार होने से बचाएगा।
- डा. अमित उपाध्याय, बाल रोग विशेषज्ञ
कोविड वायरस फेफड़ों में पहुंचने के बाद खतरनाक है। ओमिक्रोन वैरिएंट फिलहाल निमोनाइटिस नहीं कर रहा। इन्फ्लामेटरी मार्कर डिस्टर्ब नहीं हो रहे हैं। लेकिन खांसी न आने पर नए मरीज तेजी से बढ़ेंगे। हल्की थकान व बुखार पर जांच कराएं।
- डा. अमित अग्रवाल, सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ